नई दिल्ली: ओडिशा और केरल चुनाव (Odisha and Kerala Election) के मद्देनजर मंगलवार को आम आदमी पार्टी मुख्यालय (Aam Aadmi Party Headquarters) पर संगठन की अहम बैठक हुई. आप सांसद एवं राष्ट्रीय संगठन महामंत्री डॉ संदीप पाठक ने ओडिशा और केरल से 'आप' संगठन को संबोधित करते हुए चुनाव को लेकर मजबूत तैयारी के निर्देश दिए. संगठन को कैसे मजबूत बनाना है और जमीनी स्तर पर कैसे काम करना है, ऐसी तमाम योजनाओं और रणनीतियों पर चर्चा हुई. इस दौरान संगठन के एक-एक साथी को व्यक्तिगत रूप से अपने-अपने सुझाव साझा करने का अवसर दिया गया. इस बैठक में ओडिशा के 'आप' चुनाव प्रभारी विरेंद्र काद्यान, ओडिशा के संयोजक निशिकांत मोहापात्रा, केरल के आप चुनाव प्रभारी एन राजा, पार्टी के महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके पदाधिकारी और वॉलंटियर्स मौजूद थे. संगठन के सभी लोग अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर काम करने के लिए बेहद उत्सुक नजर आए.


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आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद एवं राष्ट्रीय संगठन महामंत्री डॉ. संदीप पाठक ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव लड़ना, चुनाव को जीतना या हारना महत्वपूर्ण नहीं है. अगर कुछ महत्वपूर्ण है तो वह है दोनों राज्यों में संगठन को मजबूत करना. एक मजबूत संगठन ही जमीनी स्तर पर राज्य की समस्याओं और जरूरतों को समझने में मदद करता है. ऐसे में सभी को एकसाथ जुट होकर चलना जरूरी है. सबसे पहले अपने-अपने राज्यों के ज्यादा से ज्यादा साथियों को साथ लाएं और ऐसे साथियों को जोड़ें जिनका लक्ष्य चुनाव में पद हासिल करना ना होकर संगठन को और मजबूत बनाना हो. पद की लालसा रखने वाला व्यक्ति कभी भी संगठन के साथ नहीं चलेगा. ऐसे में जरूरी है कि जमीनी स्तर पर काम करने वाले लोगों को और जनता को समझने वाले लोगों को संगठन में लेकर आएं.


उन्होंने कहा कि चुनाव की इस पूरी प्रक्रिया में दिलचस्पी लेंगे तभी तो प्रक्रिया का आनंद ले सकेंगे. नहीं तो सारा ख्याल चुनाव जीतकर पद हासिल करने में लगा रहेगा जिससे तनाव ज्यादा होगा. तनाव आपकी सारी सकारात्मकता को छीन लेगा जोकि चुनाव पर बुरा असर डालेगा. इसलिए सभी को साथ मिलकर खुशी-खुशी काम करना है. आज की इस बैठक का मुख्य लक्ष्य ओडिशा और केरल में AAP संगठन को मजबूत बनाना है. ओडिशा और केरल से जितने ज्यादा साथी आप से जुड़ेंगे, संगठन उतना मजबूत बनेगा. पार्टी और संगठन के बीच विश्वास बने रहना बेहद जरूरी है. इसलिए हम सभी साथियों के सुझावों के साथ आगे बढ़ना पसंद करेंगे. साथी अपने-अपने सुझाव दे सकतें हैं, हम उनपर मिलकर विचार करेंगे और उनके अनुसार चुनाव की रणनीति तय की जाएगी. गुजरात चुनाव में गुजरात के लोगों ने लड़ाई लड़ी, हम सिर्फ मदद करने का माध्यम थे. अब ओडिशा और केरल की लड़ाई आप लोगों को लड़ना है. इस लड़ाई में जीत तभी संभव है, जब संगठन मजबूत होगा.