Arvind Kejriwal: केजरीवाल ने नीतीश और नायडू को लिखा लेटर, केंद्र से समर्थन वापस लेने की मांग की
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Arvind Kejriwal: केजरीवाल ने नीतीश और नायडू को लिखा लेटर, केंद्र से समर्थन वापस लेने की मांग की

Delhi News: गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में आंबेडकर पर टिप्पणी की थी और कहा था कि उन्होंने कहा कि इन दिनों आंबेडकर का नाम लेना एक फैशन बन गया है. केजरीवाल ने नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को लेटर लिखा कि मैं आपको यह पत्र एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर लिख रहा हूं, जिसमें उन्होंने केंद्र से समर्थन वापिस लेने की मांग की.

Arvind Kejriwal: केजरीवाल ने नीतीश और नायडू को लिखा लेटर, केंद्र से समर्थन वापस लेने की मांग की

Delhi News: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने आंबेडकर विवाद पर नया दांव चल दिया है. केजरीवाल ने  नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को चिट्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने एनडीए सरकार के दोनों अहम साझेदारों से समर्थन वापस लेने के लिए विचार करने के लिए कहा है. आपको बता दें कि लोकसभा में भाजपा पर 240 सीटें हैं. सरकार चलती रहे इसके लिए नाययू की टीडीपी और नीतीश की जेडीयू की भूमिका काफी अहम हो जाती है. 

समर्थन की अपील
केजरीवाल ने अपनी चिट्ठी में जेडीयू और टीडीपी के नेताओं से विचार करने की अपील की है. उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि इन दोनों पार्टियों की भूमिका एनडीए सरकार को बनाए रखने में महत्वपूर्ण है. यदि ये पार्टियां समर्थन वापस लेती हैं, तो सरकार के लिए संकट उत्पन्न हो सकता है.

पूर्व सीएम ने लिखा नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को पत्र
केजरीवाल ने नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को लेटर लिखा कि मैं आपको यह पत्र एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर लिख रहा हूं, जो न केवल हमारे संविधान बल्कि बाबासाहेब अम्बेडकर की प्रतिष्ठा से भी जुड़ा है. हाल ही में संसद में, देश के गृह मंत्री अमित शाह जी द्वारा बाबासाहेब के नाम पर की गई टिप्पणी ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है. उनका यह कहना कि अम्बेडकर- बोलना आजकल फैशन बन गया है, न केवल अपमानजनक है बल्कि बीजेपी की बाबासाहेब और हमारे संविधान के प्रति सोच को उजागर करता है. बाबासाहेब अम्बेडकर, जिन्हें कोलंबिया विश्वविद्यालय ने Doctor of Laws से सम्मानित किया था, जिन्होंने भारत के संविधान को रचा और समाज के सबसे वंचित वर्गों को अधिकार दिलाने का सपना देखा, उनके बारे में ऐसा कहने का साहस आखिर बीजेपी ने कैसे किया?. 

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इस से देश भर में करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. ये बयान देने के बाद अमित शाह जी ने माफी मांगने की बजाय अपने बयान को उचित ठहराया. प्रधान मंत्री जी ने सार्वजनिक रूप से अमित शाह जी के बयान का समर्थन किया. इसने जले पर नमक छिड़कने का काम किया. लोगों को लगने लगा है कि बाबा साहेब को चाहने वाले अब बीजेपी का समर्थन नहीं कर सकते. बाबासाहेब सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि हमारे देश की आत्मा हैं. बीजेपी के इस बयान के बाद लोग चाहते हैं कि इस मसले पर आप भी गहराई से विचार करें.

प्रदर्शन का आह्वान
केजरीवाल ने एक दिन पहले भाजपा मुख्यालय के पास प्रदर्शन किया और धरना दिया. उन्होंने कहा कि वह दिल्ली में घर-घर जाकर इस मुद्दे की जानकारी देंगे. आपको बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में आंबेडकर पर टिप्पणी की थी और कहा था कि उन्होंने कहा कि इन दिनों आंबेडकर का नाम लेना एक फैशन बन गया है. इसके बाद विपक्ष ने उन पर हमला बोला. विपक्ष का आरोप है कि शाह ने संविधान निर्माता का अपमान किया है. 

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