All India Institute of Medical Sciences: आजादी के 75 सालों में देश की स्वास्थ्य सुविधाओं में भी इजाफा हुआ है, इसमें सबसे बड़ा योगदान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) का माना जाता है, इसमें देश के सभी वर्ग के लोगों को एक छत के नीचे बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाती हैं. देश में पहले एम्स की शुरुआत के दौरान एक ही अस्पताल था लेकिन आज ये संख्या बढ़कर 23 हो गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अब सरकार देशभर के AIIMS का नाम बदलकर स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर रखने पर विचार कर रही है. 


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क्या आप जानते हैं कि देश की बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने वाले इस संस्थान की स्थापना कब और किसने की? अगर नहीं जानते तो ये खबर आपके काम की है, आज के इस आर्टिकल हम आपको लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की स्थापना की पूरी कहानी लेकर आए हैं. 


AIIMS की शुरुआत
15 अगस्त 1947 को देश की आजादी के बाद पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने देश में बेहतर स्वास्थय सुविधाओं और रिसर्च को गति देने के लिए एक चिकित्‍सा केन्द्र की स्थापना की रुपरेखा तैयार की, जिसे तत्‍कालीन स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री राजकुमारी अमृत कौर का सहयोग मिला और 1952 में आयुर्विज्ञान संस्‍थान  (AIIMS) की आधारशिला रखी गई. 


दिल्ली समेत देशभर के 23 AIIMS का बदलने जा रहा नाम, केंद्र ने की पूरी तैयारी


1956 को लोकसभा में पेश हुआ बिल
18 फरवरी 1956 को देश की तत्‍कालीन स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री राजकुमारी अमृत कौर ने लोकसभा में AIIMS को स्वायत्ता (ऑटोनोमस) प्रदान करने के लिए बिल पेश किया और इसके पारित होने के बाद देश को पहला AIIMS मिला. 


शुरुआत के समय नहीं था खुद का अस्पताल
AIIMS की शुरुआत 50 मेडिकल स्टूडेंट्स के साथ मेडिकल एजुकेशन और रिसर्च के लिए की गई थी. उस समय एम्स के पास खुद का अस्पताल भी नहीं था, तब सफदरजंग अस्पताल को एम्स से अटैच किया गया था. 


1961 में मिली पहली बिल्डिंग
27 जनवरी 1961 को  AIIMS की उसकी पहली बिल्डिंग मिली, जिसका उद्घाटन इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के द्वारा किया गया. 


AIIMS में किया गया देश का पहला हार्ट ट्रांसप्लांट
3 अगस्त 1994 को हार्ट सर्जन डॉक्टर पी वेणुगोपाल के नेतृत्व में 20 डॉक्टरों की टीम ने देश के पहला सफल हार्ट ट्रांसप्लांट किया.  इसके बाद से अब तक AIIMS में 50 से ज्यादा सफल हार्ट ट्रांसप्लांट किए जा चुके हैं. 


देश का पहला ट्रॉमा सेंटर
इजरायल की तर्ज पर 27 नवंबर 2006 को देश के पहले ट्रॉमा सेंटर का ट्रायल रन  AIIMS में किया गया और 26 नवंबर 2007 को इसे पूरी तरह से शुरू कर दिया गया. एम्स के बाद आज देश के कई राज्यों में ऐसे ट्रॉमा सेंटर बनाए गए हैं. 


42 से ज्यादा डिपार्टमेंट का हो रहा संचालन 
AIIMS में वर्तमान में 42 डिपार्टमेंट और 7 सेंटर चल रहे हैं, जिसमें कुल 1095 फैक्ल्टी हैं और  नॉन फैकल्टी की संख्या 12,318 है. वर्तमान में यहां लगभग 3 हजार बेड की क्षमता उपलब्ध है.