किसानों को पराली जलाने से रोकने की याचिका, सुप्रीम कोर्ट का तुरंत सुनवाई से इनकार
Supreme Court: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच सुप्रीम कोर्ट में किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए याचिका दायर की गई थी, जिस पर SC ने तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है.
नई दिल्ली: Delhi-NCR में बढ़ते प्रदूषण से जुड़ी वकील शशांक शेखर झा द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है. इससे पहले SC कोर्ट द्वारा इस पूरे मामले में दायर याचिका पर 10 नवंबर को सुनवाई की बात कही गई थी.
ये भी पढ़ें- Delhi-NCR में प्रदूषण की स्थिति पर CAQM की समीक्षा बैठक, पाबंदियां हटाने पर होगी चर्चा
क्या है पूरा मामला
राजधानी दिल्ली में ठंड की शुरुआत के साथ ही प्रदूषण में तेजी से इजाफा होता है. प्रदूषण की एक मुख्य वजह पंजाब, हरियाणा और यूपी के किसानों द्वारा जलाई जाने वाली पराली होती है. पिछले दिनों Delhi-NCR में AQI- 500 तक पहुंच गया था. जिसके बाद वकील शशांक शेखर झा तत्कालीन चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित के सामने याचिका दायर करते हुए लोगों के जीवन की रक्षा के लिए कोर्ट के दखल की मांग की गई थी. जिसके बाद याचिका पर 10 नवंबर को सुनवाई की बात कही गई.
10 नवंबर को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस हीमा कोहली और जस्टिस जेबी पादरीवाला की पीठ ने इस याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इस पूरे मामले में कहा कि कुछ चीजें कोर्ट कर सकता है कुछ नहीं. हम उन मामलों को संभालते हैं, जो न्यायिक रूप से उत्तरदायी हैं. यह मामला न्यायिक समीक्षा के दायरे से बाहर है, इसलिए हम इस पर तुंरत सुनवाई नहीं कर सकते. प्रदूषण को कम करने के दूसरे और वास्तविक समाधान खोजें.
पंजाब में पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले
पंजाब प्रदूषण कंट्रोल द्वारा जारी किए गए आकड़ों के अनुसार गुरूवार को केवल पंजाब से पराली जलाने के 1893 मामले सामने आए हैं. वहीं अब तक के आकड़ों की बात करें तो पंजाब में 35 हजार से ज्यादा पराली जलाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. वहीं हरियाणा और यूपी में भी पराली जलाने की घटनाएं सामने आ रही हैं.