Delhi Alipur fire News: कल दिल्ली के अलीपुर इलाके में पेंट की फैक्ट्री में आग लगने के बाद अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं. ऐसे में  Zee News की टीम Ground Zero पर उस जगह पहुंची जहां यह फैक्ट्री मौजूद थी. Ground Zero की हालत कुछ ऐसे थे की फैक्ट्री पूरी तरह मलबे में तब्दील हो चुकी है, क्योंकि फैक्ट्री रिहायशी इलाके में थी तो आसपास के मकानों को भी बड़ा नुकसान हुआ है. चश्मदीदों का रो-रो कर बुरा हाल है.


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फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों के परिजन अपने परिवारजनों को अभी तक खोज रहे हैं और जानना चाहते हैं की वो जीवित हैं या नहीं, लेकिन इन सबके बीच स्थानीय लोगों की माने तो रिहायशी इलाके में बनी यह फैक्ट्री अवैध थी और कई बार शिकायते करने के बावजूद कोई एक्शन नहीं लिया गया. ये इलाका दिल्ली का अलीपुर और इसी अलीपुर की दयाल मार्केट में लोगों के घरों के बीच मौजूद थी.


ऐसे हुआ हादसा


दिल्ली के आलीपुर में स्थित एक पेंट की फैक्ट्री में कल दोपहर साढ़े 4 बजे आग लगने की खबर सामने आई थी. यह खबर चारों तरफ आग की तरह फैल गई और लोगों में अफरातफरी मच गई. फैक्ट्री में मौजूद ज्वलनशील पदार्थों की वजह से आग ने विस्फोट का रूप ले लिया, जिसमें अब तक फैक्ट्री मालिक समेत 11 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. फोन में फैक्ट्री के काम करने वाले शुभम की तस्वीर दिखाते हुए, शुभम के परिजनों के आंसू रुक नहीं रहे. कल रात से फैक्ट्री के पास मौजूद हैं, थाने और अस्पताल के चक्कर रात से काट रहे हैं, लेकिन पता नहीं लग पा रहा है कि शुभम जीवित है या नहीं...


शुभम की तरह ही हालत है राम परवेश की बहन सुनीता और मां की. दोनों रो रहे हैं और न ही पुलिस कुछ बता रही है और न ही अस्पताल से कुछ पता लग पा रहा है. कल लगी आग कितनी भयंकर थी. इसका अंदाजा यहां काम करने वाले लोगों के परिजनों के आंसू बता रहे हैं. आग के विस्फोटक होने के बाद आसपास के घरों के भी परखच्चे उड़ गए हैं और हर तरह सिर्फ मलबा ही मलबा दिखाई दे रहा है.


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वहीं, आसपास के लोग जिनके घर फैक्ट्री के पास हैं उनके आंसू निकलना बंद ही नहीं हो रहे हैं. फैक्ट्री के आग और विस्फोट से आसपास के लोगों का भी भारी भरकम नुकसान हुआ है और पहले से कर्ज में डूबे कवल कृष्ण और उनकी पत्नी का रो रो कर बुरा हाल है और बात करते-करते दोनों के आंसू रुक नहीं रहे हैं. दोनों की माने तो Fire Brigade की गाड़ी 1 से डेढ़ घंटे बाद आई थी, अगर समय पर आ गई होती तो उनकी जमा पूंजी बच जाती. फैक्ट्री में आग और विस्फोट का मंजर इतना खराब था और लोगों की जान पर कैसे बन आई थी. इसकी गवाही पास में रहने वाली सुधा के आंसू दे रहे हैं जो बता रही हैं की कैसे वो बच्चों को लेकर जान बचाई.


स्थानीय लोगों की माने तो फैक्ट्री न ही वैध थी और न ही फैक्ट्री में आग को रोकने के संसाधन था. कई बार शिकायत को गई, लेकिन प्रशासनिक अधिकारयों और फैक्ट्री मालिक के बीच के गोरखधंधे की वजह से अवैध फैक्ट्री रिहायशी इलाकों में चलती रही, जिसमें मलिक समेत 11 लोगों की मौत हो चुकी है और आम लोग, जिनकी कोई गलती नही थी उनका करोड़ो का नुकसान हो चुका है. मौके पर दिल्ली पुलिस की टीम भी पहुंची थी और जांच कर रही है. ऐसे में अब जांच के बाद देखना होगा की आखिर वो क्या कारण थे, जिसकी वजह से आग लगी और किन प्रशासनिक अधिकारियों पर गाज गिरेगी.


(इनपुटः अनुज तोमर)