Delhi News: बख्तावरपुर के स्कूल में खुला स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, नरेला के 20 गांवों के बच्चों को मिलेंगी फ्री सुविधाएं
Delhi News: नरेला विधानसभा के बख्तावरपुर गांव मे दिल्ली सरकार के राजकीय माध्यमिक वरिष्ठ बाल विद्यालय में स्पोर्ट्स कैंपस बनाया है, जिसका फायदा आसपास के 20 गांव के बच्चों को मिलेगा.
Delhi News: नरेला विधानसभा के बख्तावरपुर गांव मे दिल्ली सरकार के राजकीय माध्यमिक वरिष्ठ बाल विद्यालय में स्पोर्ट्स कैंपस बनाया है, जिसमे 1 दर्जन से ज्यादा खेल प्रतियोगिताएं हो सकती हैं. स्पोर्ट्स कैंपस में बच्चों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जिसकी वजह से स्टेट लेवल व नेशनल गेम्स में भाग लेने वाले बच्चे बच्चे भी यहां पर प्रैक्टिस कर रहे हैं.
नरेला विधानसभा के करीब 20 गांवों में स्पोर्ट्स कैंपस न होने की वजह से स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे स्टेट लेवल व नेशनल में भाग लेने के लिए प्रैक्टिस करने आसपास के निजी संस्थानों में जाया करते थे. कई गरीब परिवार के बच्चे ऐसे भी थे, जो प्रैक्टिस नहीं कर पाते थे और उनका मनोबल कम होता था. अब दिल्ली सरकार की तरफ से दिल्ली के स्कूलों का डेवलपमेंट किया जा रहा है, जिसमें शिक्षा के साथ ही खेल-कूद का भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. उसी को देखते हुए दिल्ली सरकार द्वारा बख्तावरपुर के राजकीय माध्यमिक वरिष्ठ बाल विद्यालय में एक स्पोर्ट्स कैंपस बनाया गया, जिसमें बच्चे एक दर्जन से ज्यादा गेम्स की प्रैक्टिस कर सकते हैं. इस स्पोर्ट्स कैंपस में बॉस्केट बॉल ग्राउंड, 200 मीटर का रनिंग ट्रेक, वालीबॉल ग्राउंड , मेट कब्बडी ग्राउंड , मिट्टी कब्बडी ग्राउंड, स्विमिंग पूल और ओपेन जिम बनाई गई है.
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स्थानीय विधायक शरद चौहान ने बताया कि जब से स्कूल प्रांगण में यह भारत कैंपस बनाया है, तब से ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बच्चों की खेलकूद में रुचि बढ़ी है. वहीं अभी भी कुछ ऐसे लोग हैं, जिन्हें दिल्ली सरकार के इस सरकारी स्कूल में बनाए गए प्रोजेक्ट की जानकारी नहीं है.इस दौरान उन्होंने अधिक से अधिक बच्चों से इस स्पोर्ट्स कैंपस में आने की अपील की. शरद चौहान ने कहा कि कई बार ग्रामीण इलाकों के बच्चे सड़क पर प्रैक्टिस करते हैं, जिसकी वजह से वो हादसों का भी शिकार हो जाते हैं. ऐसे में अधिक से अधिक लोगों को इस कैंपस की जानकारी होनी चाहिए जिससे वो इसका लाभ उठा सकें.
स्कूल में बने इस स्पोर्ट्स कैंपस में स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के साथ ही ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बच्चे भी तैराकी सीख सकते हैं, जिसका कोई चार्ज नहीं लिया जाता है. आपको बता दें कि दिल्ली सरकार की तरफ से स्कूलों में शिक्षा के साथ खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए कई मॉडल स्कूल भी बनाए गए हैं. इन स्कूलों को देखकर यह नहीं लगता कि ये सरकारी स्कूल हैं. इन सभी को विदेशी मॉडल पर बनाया गया है. पहले ऐसी बिल्डिंग और स्पोर्ट्स कैंपस सिर्फ प्राइवेट स्कूलों में ही देखने को मिलते थे.
Input- Nasim Ahmad