Delhi Budget 2023: राजधानी दिल्ली में कल बजट को लेकर विधानसभा का सत्र बुलाया गया है. विधानसभा का सत्र भले ही हंगामेदार रहेगा. मगर आम जनता को अपने रोजमर्रा की जरूरतों को लेकर राहत की उम्मीद है. इसको लेकर Zee मीडिया ने आज जब कुछ ऑटो ड्राइवरों से बात की तो उन्होंने अपने कारोबार को लेकर चिंता जाहिर के साथ ही उन्होंने कहा कि अनाधिकृत रूप से चलने वाली टैक्सी उनके रोजगार में सबसे बड़ी बाधक है.


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उन्होंने आगे बताया कि वहीं लगातार CNG के दाम और अन्य खाद्य पदार्थों पर पड़ने वाले दाम उनको सता रहे हैं. साथ ही उनकी चिंता का एक मुख्य कारण दिल्ली में चलने वाली बैटरी रिक्शा भी हैं. जो किसी भी रूट पर अपना हैंडल मोड़ कर आम जनता को छोड़ने का काम करते हैं. वह भी ऑटो ड्राइवर के लिए निर्धारित मूल्य से भी कम पर इस विषय को लेकर काफी संख्या में मौजूद चिंता जाहिर की है कि आने वाले समय में उनका परिवार चल पाएगा.


दिल्ली के बजट से गरीब वर्ग को खास उम्मीद


केंद्र सरकार के बाद दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार कल अपना बजट पेश करने जा रही है. दिल्ली की जनता को दिल्ली सरकार के बजट से काफी उम्मीद है कि शायद उन्हें रोजमर्रा की चीजों में कुछ राहत मिल जाए, तो जरूर उनकी दिनचर्या कुछ आसान हो जाएगी. रसोई का सामान हो या फिर और दूसरी जरूरत की चीजें, दिल्ली की आम जनता को उम्मीद है कि आम जनता की भलाई के लिए बढ़चढ़कर काम करने वाली दिल्ली की केजरीवाल सरकार बजट में उन्हें जरूर राहत देगी. देखना होगा कि आने वाला दिल्ली सरकार का बजट आम लोगों के लिए किस हद तक राहत देने वाला साबित होता है.


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कल से दिल्ली का बजट सत्र


आपको बता दें कि पिछले कई दिनों से सियासी उठापटक के बाद 17 मार्च, 2023 को विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने जा रहा है. इसी के साथ 21 मार्च को वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया जाएगा. इस बार दिल्ली सरकार के सामने पुरानी योजना के साथ अपनी छवी को सुधारने के साथ वित्तीय बजट को पिछले साल की तुलना में इजाफा कर पेश करने की बड़ी चुनौती होगी. इतना ही नहीं दिल्लीवासियों को भी इस बजट से काफी उम्मीदें कि महंगाई से राहत साथ रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.


इन चीजों पर होगा खास ध्यान


21 मार्च को पेश होने वाला यह बजट स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा व्यवस्था, बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर, रोजगार सृजन, पुरानी योजनाओं को जारी रखना पर आधारित होगा. खबरों के मुताबिक, पिछली बार 75 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया था. इस बार 4 से 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी इसमें हो सकती है.