Bulldozer price in Delhi: जुबां पर बुलडोजर का नाम आते ही जेहन में सबसे पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का नाम सामने आता है और आए भी क्यों न? बुलडोजर ने एक औद्योगिक मशीन से पॉलिटिकल टूल बनने तक का सफर उत्तर प्रदेश से ही शुरू किया था और आज उसका रुतबा इतना बढ़ गया है कि 2017 तक जिस बुलडोजर की कीमत 15 से 17 लाख रुपये थी वो बढ़कर अब 28 से 30 लाख तक पहुंच गई है. 


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दरअसल योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद पहले अवैध निर्माण को ढहाने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल शुरू हुआ था. समय बीतने के साथ ही इसका यूज अपराधियों और सांप्रदायिक हिंसा में शामिल आरोपियों के घर गिराने के लिए होने लगा. इसके बाद अपराधियों के खिलाफ कड़ा रुख दिखाने के के लिए मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, दिल्ली और गुजरात समेत कई राज्यों में खूब बुलडोजर चला. अब राजेंद्र नगर कोचिंग हादसे के बाद अचानक दिल्ली में बुलडोजर की डिमांड बढ़ गई है. डीडीए, एमसीडी, पीडब्ल्यूडी, लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस में बुलडोजर का काम बढ़ गया है. सिविल लाइंस समेत दिल्ली के कई इलाकों में अवैध निर्माण को हटाया जा रहा है. 


बुलडोजर की बढ़ती कीमतें
बुलडोजर की बढ़ती कीमतों, इन्हें चलाने वाले ड्राइवरों की सैलरी को लेकर जब ज़ी मीडिया ने सवाल किया तो एमसीडी में कार्यरत कर्मचारी विक्रम शर्मा ने बताया कि एमसीडी के पास बड़ी संख्या में बुलडोजर हैं. लेकिन काम के हिसाब से डिमांड बढ़ती है तो बाहर से भी हायर कर लेते हैं. अतिक्रमण को हटाना, अवैध निर्माण, नालों की सफाई इन सब कामों में बुलडोजर उपयोग होता है.


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बुलडोजर की कीमत में भारी इजाफा 
आपके प्रदेश में बुलडोजरों के किराये के रेट क्या हैं, जिन्हें सरकारी विभाग किराये पर लेते हैं, क्या इनको चलाने वाले सरकारी कर्मचारी हैं या उन्हें अस्थाई तौर पर रखा गया है और उनकी सैलरी कितनी है, पिछले 1 साल में क्या इनकी सैलरी में बढ़ोतरी हुई है और इसके कारण क्या हैं? इन सवालों का जवाब देते हुए बुलडोजर के मालिक जतिन शर्मा का कहना है कि 2017 तक बुलडोजर की 15 से 17 लाख कीमत थी. अब बुलडोजर की कीमत 28 से 30 लाख की हो गई.  
पहले 8 घंटे के लिए बुलडोजर लेने पर 5000 रुपये रेंट था. अब यह बढ़कर 8 से 10 हजार रुपये हो गया है. ड्राइवर को ही अब 18 हजार सैलरी मिलती है. 
उन्होंने बताया कि 2018 से 2019 से बहुत ज्यादा डिमांड बढ़ी है. दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश से भी डिमांड आती है.


दो साल में रेंट दोगुना
बुलडोजर चालक शहजाद अहमद ने बताया कि उसकी सैलरी 18 से 20 हजार रुपये है. 5 साल पहले 15 से 16 हजार रुपये मिलते थे और 8 घंटे की ड्यूटी होती है. अगर काम ज्यादा होता है तो ओवरटाइम मिलता है. वहीं एक अन्य ड्राइवर का कहना है कि उन्हें 12-13 घंटे काम करना पड़ता है. दो साल पहले  8 घंटे का किराया 5000 रुपये था जो अब बढ़कर 8 से 10 हजार रुपये हो गया है.