Delhi Crime: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को दिल्ली के इलाकों में नशीले पदार्थ (गांजा) की खेप की आपूर्ति के बारे में इनपुट मिले थे. क्षेत्रीय स्रोतों और जांच के माध्यम से जानकारी को और विकसित किया गया. पता चला कि नशीले पदार्थ को दिल्ली रेलवे स्टेशन से जहांगीर पुरी, दिल्ली तक ऑटो में ले जाया जा रहा था.


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गुप्त सूचना मिली थी कि तस्करों द्वारा जहांगीर पुरी क्षेत्र में ऑटो में गांजा की एक बड़ी खेप पहुंचाई जाएगी और एक अच्छा जाल बिछाने से भारी मात्रा में प्रतिबंधित पदार्थ के साथ उन्हें पकड़ने में मदद मिल सकती है. मुकुंदपुर, बुराड़ी, दिल्ली के पास एक जाल बिछाया गया और एक ऑटो समेत 3 व्यक्तियों को पकड़ लिया गया.


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पूछताछ करने पर उन्होंने अपनी पहचान सुजीत कुमार शाह, कमलेश कुमार के रूप में बताई. ऑटो की पूरी तरह से तलाशी लेने पर उसमें 2 सूटकेस मिले, जिसमें कुल 50 किलोग्राम गांजा मिला. इस संबंध में पुलिस ने FIR दर्ज कर सभी आरोरियों को गिरफ्तार कर लिया. दो आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया और एक जेसीएल को पकड़ लिया गया.


ऑटो चालक सुजीत ने खुलासा करते हुए कहा कि वह अपने जीजा वीरेंद्र के साथ गांजा के अग्रिम भुगतान के तौर पर कमलेश कुमार को 50 हजार रुपये दिए. वीरेंद्र उन्हें जहांगीर पुरी आने का निर्देश देकर वहां से चला गया, जहां वह गांजा के स्थानीय रिसीवर से मिलेगा. वीरेंद्र के स्थानीय रिसीवर को प्रतिबंधित पदार्थ की आपूर्ति करने के लिए जहांगीर पुरी आए थे.


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आरोपी व्यक्ति कमलेश ने खुलासा किया कि उसने उड़ीसा के बरहमपुर से दिबाकर उर्फ ​​उडिवा नामक व्यक्ति से प्रतिबंधित पदार्थ खरीदा था. आरोपी वीरेंद्र स्थानीय आपूर्तिकर्ता है, जो स्थानीय विक्रेताओं के बीच इसे बेचने और वितरित करने के लिए उड़ीसा से गांजा का प्रबंध करता था. उसे उसका एक दूर का रिश्तेदार सुजीत सहायता करता था, जो गांजा ले जाने और आपूर्ति करने के लिए अपने ऑटो का इस्तेमाल करता था.


आरोपी ने आगे बताया कि उड़ीसा में दिबाकर उर्फ ​​उडिवा नामक व्यक्ति कमलेश के निर्देशों और आवश्यकताओं के अनुसार संग्रह और व्यवस्था करता था. वह अपने पास भूतपूर्व सैनिक का कार्ड और गेस्ट टीचर के पेशे से जुड़े अन्य दस्तावेज रखता था, ताकि पकड़े जाने पर वह अपनी धाक जमा सके. पूछताछ में आरोपी सुजीत ने खुलासा किया है कि खेप का एक हिस्सा मुखर्जी नगर और मौरिस नगर के आसपास के इलाकों में छात्रों को गांजा बेचने वाले एक व्यक्ति को दिया जाना था. बताया गया है कि गांजे के छोटे-छोटे पैकेट बनाकर छात्रों को 70-100 रुपये की कीमत पर बेचे जाते हैं.