Delhi Flood Update: राजधानी दिल्ली में कुछ दिनों पहले यमुना का विकराल रूप देखने को मिला. दरअसल, हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने की वजह से यमुना का जलस्तर बढ़ गया और दिल्ली के कई इलाके जलमग्न हो गए. जैतपुर पार्ट 2 इलाके के विश्वकर्मा कॉलोनी में भी बाढ़ की वजह से लोगों के घरों में 6 से 7 फीट पानी घुस गया था, जिसकी वजह से लोगों को अपना घर छोड़कर राहत शिविरों में रहना पड़ा. अब जलस्तर कम होने के बाद लोग अपने घरों की ओर वापस लौट रहे हैं, लेकिन पानी भरने की वजह से उनके घरों की सभी चीजें खराब हो चुकी हैं. वहीं लाखों के नुकसान के एवज में दिल्ली सरकार द्वारा महज 10 हजार रुपये की सहायता राशि मिलने पर लोगों ने नाराजगी भी जताई है. 


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बाढ़ पीड़ितों का दर्द
जैतपुर पार्ट 2 इलाके के विश्वकर्मा कॉलोनी में यमुना का जलस्तर बढ़ने की वजह से 6-7 फीट पानी घरों के अंदर घुस गया, जिसकी वजह से लोगों ने घर छोड़कर राहत शिविरों की शरण ले ली. अब पानी कम होने के बाद जब वापस लोग अपने घर पहुंच रहे हैं तो उनका घर उजड़ चुका है. घरों में पानी घुसने के बाद इलाके के कई मकानों में दरारें आ गई हैं, इसके साथ ही घर के अंदर रखे हुए TV, कूलर, फ्रिज जैसे जरूरत के सभी सामान खराब हो चुके हैं. लोगों का कहना है कि बाढ़ की वजह से उनका लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. बाढ़ पीड़ित एक महिला ने बताया कि वो मधुबनी पेंटिंग बनाकर अपना गुजर-बसर करती थीं, लेकिन बाढ़ के पानी से इनकी सारी पेंटिंग खराब गो गईं. 


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लापरवाही का आरोप
बाढ़ पीड़ित इलाके के लोगों का कहना है कि अगर हमारे इलाके में सड़क और नालियां होती तो शायद बाढ़ का पानी हमें ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाता. बाढ़ का पानी आता और नाली के सहारे पास हो जाता, पानी हमारे घरों में नहीं घुसता. मगर हमारे क्षेत्र के विधायक के द्वारा कभी भी इस कॉलोनी पर ध्यान नहीं दिया गया और आज भी हमारी कॉलोनी कच्ची कॉलोनी के रूप में है, जिसकी वजह से हम लोगों को बहुत समस्याएं होती हैं. बारिश के दौरान सड़क न होने की वजह से हमें कीचड़ भरे रास्ते से आना-जाना करना पड़ता है. हमारे इलाके में नाली नहीं है, जिसकी वजह से घरों का पानी सड़क पर ही बहाना पड़ता है. हालांकि इस दौरान इलाके के लोगों ने बाढ़ के बाद किए जाने वाले काम की सराहना भी की, लोगों ने कहा कि अभी भी हमारे इलाके में जगह-जगह बाढ़ का पानी जमा हुआ है, जहां निगम के द्वारा कीटनाशकों का छिड़काव किया जा रहा है. बाढ़ के बाद इलाके में महामारी का खतरा बढ़ जाता है, जिससे लोगों को बचाने के लिए निगम द्वारा लगातार कीटनाशकों का छिड़काव किया जा रहा है. 


राहत शिविर में रह रहे लोग
दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में बाढ़ का पानी कम हो चुका है, लेकिन अभी भी कुछ जगहें ऐसी हैं जहां लोगों के घरों में पानी भरा हुआ है. ये लोग दिल्ली सरकार द्वारा बनाए गए राहत शिविरों में रह रहे हैं. अभी लगभग 350 लोग राहत शिविर में हैं, जहां उन्हें तीन वक्त का भोजन, पीने का साफ पानी और दवाइयों की सुविधा दी जा रही है. 


Input- Hari Kishor Sah