Yamuna Water Level: पिछले कुछ दिनों से बाढ़ का सितम झेल रही राजधानी दिल्ली में अभी लोगों के घरों से बाढ़ का पानी उतरा ही था कि उनकी मुश्किलें एक बार फिर बढ़ने वाली हैं. जी हां हथिनीकुंड बैराज में 9 दिनों बाद एक बार फिर पानी बढ़ना शुरू हो गया है, जिसे यमुना में डायवर्ट किया गया है. ये पानी 60-72 घंटों में दिल्ली पहुंचेगा, जिसकी वजह से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. 


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9 दिनों बाद हथिनीकुंड बैराज में बढ़ा पानी
हथिनीकुंड बैराज में 13 जुलाई दोपहर 02 बजे  1,10,000 क्यूसेक पानी के बाद पानी कम होना शुरू हो गया था, जिसके बाद हथिनीकुंड के गेट भी डाउन कर दिया गए थे. लेकिन 9 दिन बाद एक बार फिर आज सुबह 09 बजे 1,47,000 क्यूसेक पानी और 10 बजे 2,09,042 क्यूसिक पानी बढ़ने से हथिनी कुंड बैराज के सभी फ्लड  गेट खोल दिए गए और यमुना नदी में यह पानी डायवर्ट कर दिया गया है. यह पानी अगले 60 से 72 घंटों में दिल्ली तक पहुंचेगा, जिससे कहीं न कहीं एक बार फिर निचले इलाके पानी से प्रभावित हो सकते हैं.


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कब-कितना पानी डायवर्ट किया गया
सुबह 06 बजे 73,400 में से 54,570 क्यूसेक पानी यमुना में डायवर्ट किया गया .
सुबह 07 बजे 82,200 में से 63,400 क्यूसेक पानी यमुना में डायवर्ट किया गया .
सुबह 08 बजे 87,100 में से 68,300 क्यूसेक पानी यमुना में डायवर्ट किया गया.
सुबह 09 बजे 1,47,857 में से सारा पानी यमुना में डायवर्ट किया गया.
सुबह 10 बजे  2,09,042 क्यूसेक पानी यमुना में डायवर्ट किया गया.
सुबह 11 बजे 2,23,000 क्यूसेक पानी यमुना में डायवर्ट किया गया.


पहाड़ों पर लगातार तेज बारिश का दौर जारी है, वहीं उत्तरकाशी में 21 जुलाई की रात बादल फटने की खबर सामने आई है. पहाड़ों पर बारिश के साथ ही हरियाणा के कई जिलों में भी लगातार बारिश हो रही है, जिसकी वजह से हथिनीकुंड बैराज में पानी बढ़ रहा है. 


खतरे के निशान के करीब
यमुना नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव लगातार जारी है, आज सुबह 11 बजे दिल्लील यमुना का जलस्तर 205.25 मीटर दर्ज किया गया. वहीं अगर पिछले कुछ दिनों की बात करें तो 10 जुलाई को यमुना के जलस्तर ने खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर लिया था और अगले तीन दिनों में 13 जुलाई को यमुना ने साल 1978 के 207.49 मीटर के रिकार्ड को तोड़ दिया. यमुना के बढ़ते जलस्तर की वजह से कई इलाके जलमग्न हो गए थे, वहीं अब एक बार फिर हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. 


Input- Kulwant Singh