Delhi G20 Summit: G20 सम्मेलन के लिए दिल्ली के चारों तरफ वायुसेना अपना सुरक्षा चक्र बनाएगा. इसके अलावा दिल्ली में सुरक्षा के लिए भारतीय सेना भी दूसरी एजेंसियों के साथ सक्रिय रहेगी. वायुसेना ने पूरे सम्मेलन के दौरान किसी भी तरह के हवाई हमले को रोकने के लिए पूरी तैयारियां कर ली हैं. रडार, मिसाइलों, फाइटर जेट्स और एंटी ड्रोन सिस्टमों के जरिये सुरक्षा चक्र को इतना अभेद्य बनाया गया है कि आसमान में होने वाली कोई हरकत नजरों से नहीं चूक सकती.


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वायुसेना ने सम्मेलन के लिए कई चक्रों में हवाई सुरक्षा के इंतज़ाम किए हैं. आसमान पर किसी तरह के एयरक्राफ्ट या मिसाइल की पहले से जानकारी लेने के लिए वायुसेना के AIRBORNE EARLY WARNING AND CONTROL SYSTEMS यानि AWACS एयरक्राफ्ट सक्रिय रहेंगे. भारत के पास एम्ब्रायर एयरक्राफ्ट पर स्वदेशी रडार वाले नेत्रा के अलावा भारी IL-76 एयरक्राफ्ट पर फॉल्कन रडार से लैस AWACS हैं. 2019 में पाकिस्तान के बालाकोट में हुए भारतीय वायुसेना के हमले के दौरान नेत्रा का इस्तेमाल किया गया था. AWACS के अलावा भारत के अलग-अलग हिस्सों में लगे सारे रडार सम्मेलन के दौरान सक्रिय रहेंगे. इनके जरिये सैकड़ों किलोमीटर दूर से भी हर एयरक्राफ्ट पर नजर रखी जाएगी. दिल्ली के आसपास के वायुसेना के सभी एयरबेस इस दौरान पूरी तौर पर सक्रिय रहेंगे. इन एयरबेसों पर तैनात रफाल, सुखोई, मिग-21 और मिराज-2000 जैसे फाइटर जेट स्टैंड-बाय पर रहेंगे. सम्मेलन के दौरान कुछ फाइटर जेट्स आसमान में भी रहेंगे ताकि हवाई सुरक्षा पूरी तौर पर अभेद्य रहे.


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बता दें कि पूरी सुरक्षा व्यवस्था का केंद्र ऑपरेशनल डिरेक्शन सेंटर होगा जो कि किसी आपात स्थिति में कार्रवाई करने का फैसला लेगा. ये सेंटर नागरिक विमानन मंत्रालय और इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लगातार संपर्क में रहेगा. दिल्ली आने वाले विदेशी मेहमानों के एयरक्राफ्ट को सुरक्षित उड़ान के लिए तीनों ही मिलकर काम करेंगे. दिल्ली के 50 किमी के दायरे में जमीन से आसमान में मार करने वाली MRSAM और आकाश मिसाइल सिस्टम तैनात रहेंगे. MRSAM को 2021 में वायुसेना में शामिल किया गया है और ये 70 किमी की रेंज में किसी भी एयरक्राफ्ट, मिसाइल या ड्रोन को तबाह कर सकता है. ड्रोन के हमलों को रोकने के लिए वायुसेना के एंटी ड्रोन सिस्टम भी पूरे सम्मेलन के दौरान सक्रिय रहेंगे.
 
सेना के कमांडो भी दूसरी एजेंसियों के साथ दिल्ली में तैनात रहेंगे. सेना की एंटी सेबोटाज टीमें मुख्य जगहों पर तैनात रहेंगी, जिनके साथ विस्फोटक पहचानने के लिए प्रशिक्षित कुत्ते होंगे. सेना के बम निरोधक दस्तों को भी दिल्ली में मुख्य जगहों पर तैनात किया गया है. गाड़ियों पर लगे हुए एंटी ड्रोन सिस्टम्स इस दौरान दिल्ली में जगह-जगह पर तैनात रहेंगे ताकि किसी भी ड्रोन हमले को रोका जा सके. सेना सुरक्षा के लिए तैनात दूसरी एजेंसियों को मदद भी करेगी. सेना को 1000 गाड़ियों के लिए पार्किंग की जगह देने के लिए भी कहा गया है. इसके अलावा घटनास्थल पर तुरंत पहुंचने के लिए तैयार सेना की मेडिकल टीम भी पूरे सम्मेलन के दौरान स्टैंड-बाय पर रहेंगी.


Input: कृष्णमोहन मिश्रा