Delhi News: हर साल भादो महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से 10 दिवसीय गणेश उत्सव की शुरुआत होती है, इस साल 19 सितंबर को बप्पा की स्थापना की जाएगी. 10 दिनों तक चलनेवाले इस त्योहार का समापन 28 सितंबर होगा. हिंदू धर्म में गणेश स्थापना के साथ ही उनके विसर्जन का भी विशेष महत्व माना जाता है, बप्पा की मूर्तियों को नदी, तालाब आदि में विसर्जित किया जाता है. अगर आप भी ऐसा करने की योजना बना रहे हैं तो आपको 50 हजार रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है. 


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DPCC ने जारी की गाइडलाइन
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने गणेश उत्सव और नवरात्रि के पहले नदियों में मूर्ति विसर्जन को लेकर गाइडलाइंस जारी कर दी हैं. दरअसल,  नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (NMCG) के अनुसार, गंगा और उसकी सहायक नदियों में मूर्ति विसर्जन पर 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया जा सकता है. वहीं एनवायरमेंटल प्रोटेक्शन एक्ट 1986 के अनुसार, नदियों को प्रदूषित करने पर  जुर्माना और जेल दोनों हो सकता है. 


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मूर्तिकारों के लिए भी गाइडलाइन
मूर्ति विसर्जित करने की गाइडलाइन के साथ ही मूर्ति बनाने वालों के लिए भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जिसमें बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों के साथ मूर्तियां बनाने की बात कही गई है. दरअसल, POP से बनाई गई मूर्तियों को नदियों में विसर्जित करने से उनके केमिकल पानी में खुल जाते हैं, जो जलीय जीवों के लिए नुसकानदायक होते हैं. इसके साथ ही उस पानी को इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए भी घातक साबित हो सकते हैं. 


MCD ने भी जारी किए निर्देश
MCD ने भी दिल्ली पुलिस को यमुना में मूर्तियों के विसर्जन के लिए जाने वाले वाहनों की चेकिंग और कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. वहीं DPCC ने सिविक एजेंसियों से  मूर्ति विसर्जन के लिए अस्थाई तालाबों की व्यवस्था करने की बात कही है, जिससे लोग बिना किसी परेशानी के बप्पा का विसर्जन कर सकें.