Firecracker Ban in Delhi: देश की राजधानी में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए दिल्ली सरकार ने 14 अक्टूबर से 1 जनवरी तक प्रतिबंध लगाया है. हालांकि प्रतिबंध के बावजूद दिवाली पर जमकर पटाखे फोड़े गए, जिसकी वजह से कुछ इलाकों में वायु की गुणवत्ता प्रभावित हुई. सुप्रीम कोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया है. सोमवार को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि उसने पटाखा प्रतिबंध को गंभीरता से लागू नहीं किया. अब जल्द ही दिल्ली सरकार हमेशा के लिए पटाखों पर प्रतिबंध लगा सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह सभी हितधारकों से परामर्श कर पटाखों पर हमेशा के लिए प्रतिबंध लगाने पर 25 नवंबर से पहले निर्णय ले.


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दिल्ली के पटाखों पर पूरी तरीके से बैन के आदेश पर अमल न होने पर सोमवार को SC ने नाराजगी जाहिर की. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा मानना है कि कोई भी धर्म प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधि को प्रोत्साहित नहीं करता. आर्टिकल 21 के तहत ये लोगों का मौलिक अधिकार है कि लोगों को जीने के लिए प्रदूषण मुक्त वातावरण मिले. कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि पटाखों पर बैन सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली पुलिस ने अपनी ओर से कोई गंभीर प्रयास नहीं किए.


पुलिस से मांगा जवाब 


सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से कहा कि वो हलफनामा दाखिल कर बताएं कि पटाखों पर बैन सुनिश्चित करने के लिए उनकी ओर से क्या कदम उठाए गए. 


विशेष सेल बनाने का निर्देश


सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के लिए विशेष सेल बनाने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि पटाखों पर बैन के आदेश पर अमल के लिए स्थानीय SHO की जवाबदेही तय की जाए. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से भी कहा कि वह पटाखों पर बैन को पूरे साल भर जारी रखने को लेकर 25 नवंबर से पहले फैसला ले ले. साथ ही कोर्ट ने NCR के अंतर्गत आने वाले सभी राज्यों को भी पटाखों पर बैन को लेकर 25 नवंबर तक हलफनामा दाखिल करने को कहा है.