नई दिल्ली: जखीरा अंडरपास में मानसून के दौरान होने वाले जलभराव के कारण यहां से आवाजाही करने वाले लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है. दिल्ली सरकार द्वारा यहां जलभराव की समस्या से निजात पाने के लिए कई कदम उठाएं हैं. वहां मौजूद रेलवे लाइन से गिरने वाले कचरे और रेलवे के नाले की डी-सिल्टिंग न होने के कारण सारा कचरा पानी में बहकर अंडरपास में आ जाता है. इस कारण यहां मौजूद पंप जाम हो जाते हैं, जिस कारण यहां जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है. 


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बता दें कि 20 जून को दिल्ली सरकार के प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग (PWD) की अध्यक्षता में रेलवे समेत अन्य एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक हुई. बैठक में प्रधान सचिव ने रेलवे के अधिकारियों से रेलवे द्वारा डाउनस्ट्रीम पाइप का आकार बढ़ाने, रेलवे द्वारा बिछाई गई पुलिया और पाइप ड्रेन की डि-सिल्टिंग करवाने के साथ-साथ रेलवे की जमीन पर से अतिक्रमण और अनाधिकृत व्यवसायिक गतिविधियों को हटाने का आग्रह किया था.



अब जब मानसून की शुरुआत हो चुकी है और कई प्रयासों के बावजूद रेलवे के अधिकारियों द्वारा इन मुद्दों पर कोई कदम नहीं उठाया गया है. इसके बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और पीडब्ल्यूडी मंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को चिट्ठी लिखकर इस समस्या के बारे में बताया. मामले में हस्तक्षेप की मांग की ताकि समस्याओं को दूर कर मानसून के दौरान यहां होने वाले जलभराव की समस्या से बचा जा सके.


सिसोदिया ने रेल मंत्री को लिखा कि जखीरा अंडरपास पर मानसून के दौरान होने वाला जलभराव एक गंभीर समस्या है. मानसून के दौरान यहां लोगों को बहुत समस्या होती है और कई बार तो ये लोगों के लिए बेहद खतरनाक साबित हुआ है. इस समस्या का समाधान करने के लिए दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग ने रेलवे सहित अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ इस पर चर्चा की. सिसोदिया ने केंद्रीय रेलवे मंत्री से इस मामले पर हस्तक्षेप कर इस मामले पर त्वरित करवाई की मांग की ताकि बरसात के दिनों में आम जनता को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़ें. 


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