Delhi News: दिल्ली के मजनू के टीले में शरणार्थी कैंप में रहने वाले पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों को अभी नहीं हटाया जाएगा. DDA की डिमोलिशन कार्रवाई के खिलाफ एक शरणार्थी की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने ये आदेश दिया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा कि वो अभी शरणार्थी शिविर में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी को हटाने के लिए कोई कार्रवाई न करें.


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बता दें कि रवि रंजन सिंह नाम के एक शख्श ने वहां रहे लोगों को वैकल्पिक जगह मिलने तक DDA की कार्रवाई पर रोक की मांग की थी. DDA की ओर से 4 मार्च को जारी नोटिस के मुताबिक, शरणार्थियों को 6 महीने तक कैंप को खाली करना था. याचिका में कहा गया था कि पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी यहां लंबे वक्त से रह रहे है. प्रशासन ने उन्हें बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई है.


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वही डीडीए का कहना था कि वो एनजीटी के आदेश के मुताबिक कार्रवाई कर रहा है. एनजीटी ने 29 जनवरी को अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया है. यही नहीं, एनजीटी ने डीडीए पर जुर्माना भी लगाया है और वो इस आदेश को मानने के लिए बाध्य है. दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि केंद्र सरकार ने एक अन्य मामले में आश्वासन दिया है कि सरकार पाकिस्तान से आने वाले हिंदू समुदाय को हर संभव मदद उपलब्ध कराएगी.


दिल्ली हाईकोर्ट ने आगे कहा कि इस आश्वासन के मद्देनजर हम अगली सुनवाई तक डीडीए की कार्रवाई पर रोक लगा रहे है. कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार के इस बयान के मद्देनजर उसका इस मामले में अहम रोल है.  लिहाजा हम केंद्र सरकार को पक्षकार बना रहे है. कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी कर 19 मार्च तक जवाब मांगा है और अगली सुनवाई 19 मार्च, 2024 को होगी.


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आपको बता दें कि दिल्ली के मजनू का टीला इलाके में रहने वाले पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों को हटाने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण की तरफ से डिमोलिशन के नोटिस जारी किया गया था, जिसके चलते यहां रहने वाले लोगों की रातों की नींद उड़ गई और वह बहुत परेशान थे कि अब वो यहां से कहा जाएंगे. लेकिन, इस बीच सरकार ने इन लोगों के रहने के लिए द्वारका के रैन बसेरों में इंतजाम किया गया है.