पुष्पेंद्र कुमार/नई दिल्ली: दिल्ली के जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल को हुई हिंसा को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. आरोपियों ने रामनवमी से ही हिंसा की साजिश रच ली गई थी. इसके तहत छत पर पत्थर और बोतलें इकट्ठा किए गए थे. इस हिंसा के 3 मास्टरमांइड तबरेज अंसारी, अंसार और इशर्फिल हैं. दिल्ली की क्राइम ब्रांच इशर्फिल की तलाश में पश्चिम बंगाल तक छापेमारी कर रही है.


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जहांगीर पुरी हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच अब आने वाले दिनों में चार्जशीट दाखिल करने जा रही है. दिल्ली पुलिस IPC धारा 186, 353, 332, 323, 436, 109, 147, 148, 149, 307, 427, 120 B, 34, 25-27 आर्म्स एक्ट तहत चार्जशीट दर्ज होगी. इन आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने करीब 2300 से ज्यादा मोबाइल वीडियो और सीसीटीवी की मदद ली है और मोबाइल डंप डाटा, CDR, फोन लोकेशन का सहारा लिया है. पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए चेहरों की पहचान करने वाला (Face Recognition System) सिस्टम का भी सहारा लिया है, जिससे आरोपियों की पहचान करने में मदद मिली है.



आरोपी तबरेज अंसारी अपने दो चेहरों के साथ साजिश रच रहा था. पुलिस के सामने अच्छा बनकर अमन चैन की बात करना, वहीं पीछे से लोगों को उकसाने का काम करता था. तबरेज ने लोगों को भड़काने का सिलसिला CAA-NRC के दौरान इसने शुरू किया था. सीएए-एनआरसी के खिलाफ जहांगीर के कुशाल चौक पर प्रोटेस्ट साइट चलाने में इसकी अहम भूमिका थी, तभी से इलाके में मुसलमानों को भड़काने का सिलसिला जारी था.


आरोपी शेख इशर्फिल वो शख्स है, जिसकी छतों से पथराव और कांच की बोतलें फेंकी गई थी. इसकी छत से FSL को जांच के दौरान पत्थर और कांच की बोतलें भी मिली है. इसका और इसके बेटे अशनूर और मोहम्मद अली का क्रिमिनल बैकग्राउंड भी पुलिस को जांच के दौरान मिला है. इस पर सीएए-एनआरसी के दौरान यहां से लोगों को इकट्ठा करने, बसों में भरकर प्रोटेस्ट में ले जाने का भी आरोप है. वहीं इशर्फिल पार्किंग माफिया भी है.


आरोपी मोहम्मद अंसार भी तबरेज अंसारी के साथ मिलकर हिंसा की साजिश में शामिल था. हिंसा वाले दिन इसने लोगों को भड़काने का काम किया था. दिल्ली पुलिस अब तक इस इस हिंसा में 3 माइनर समेत 38 लोगों को पकड़ चुकी है और इन आरोपियों के पास से तलवार और देसी कट्टे भी बरामद कर चुकी है.


पुलिस की जांच में सामने आया की रामनवमी से ही आरोपियों ने हुनमान जयंती पर हिंसा करने का प्लान तैयार कर लिया था. प्लानिंग के तहत आरोपियों ने घरों की छतों पर पत्थर और कांच की बोतलें रखी थीं ताकि हनुमान जयंती शोभा यात्रा के दौरान पथराव किया जा सके. हनुमान जयंती के दौरान जब जुलूस C ब्लॉक मस्जिद के पास पहुंचा तो आरोपियों ने भीड़ को उकसाते हुए शोभा यात्रा को रोका और रुकने के दौरान पत्थर और कांच की बोतलें फेंकने लगे.


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