Delhi News: बूंद-बूंद को तरस रहे संगम विहार में पाइपलाइन फटने से लाखों लीटर पानी बहा, नाराज लोगों ने किया प्रदर्शन
Delhi jal Board: नाराज स्थानिय लोगों का कहना है कि संगम विहार में गलत तरीके से पानी की पाइपलाइन का कनेक्शन किया जा रहा था. तभी जल बोर्ड का पाइपलाइन फट गया और पानी बाहर निकलने लगा.
Delhi News: राजधानी दिल्ली में लोग पानी की कमी से जूझ रहे हैं. संगम विहार में जहां लोग एक-एक बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं तो वहीं दिल्ली जल बोर्ड की लापरवाही के कारण रविवार सुबह से ही खुले आम पानी की पाइपलाइन से पानी सड़क पर बहकर बर्बाद हो रहा है. आज इसी के विरोध में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने जमकर दक्षिणी दिल्ली के एमबी रोड पर प्रदर्शन किया. इस दौरान सड़क पर जाम की स्थिति भी बन गई. इसके बाद दिल्ली पुलिस के जवान मौके पर पहुंचे और लोगों को समझा बूझाकर यातायात शुरू करवाया.
पानी के लिए तरस रहे लोग
स्थानीय लोगों ने बताया कि संगम विहार के नॉर्दर्न बस्ती में गलत तरीके से पानी की पाइपलाइन का कनेक्शन कराया जा रहा था. तभी जल बोर्ड का पाइपलाइन फट गया और पानी बाहर निकलने लगा. देखते ही देखते पानी पूरे इलाके में फैल गया. वहीं स्थानीय लोग पानी की लीकेज को बंद कराने के लिए पुलिस प्रशासन पर दबाव डालते रहे हैं. लोगों का आरोप है कि एक तरफ यहां के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ विधायक के शह पर AAP पार्टी के पार्षद के मौजूदगी में जल बोर्ड के अधिकारियों द्वारा यहां पर अवैध कनेक्शन किया जा रहा है.
पैसे देकर लोग मंगवाते हैं टैंकर
वहीं स्थानीय लोगों को जब इस बात की जानकारी लगी तो लोगों ने वहां पर आंदोलन शुरू कर दिया. इस मौके पर पुलिस के उच्च अधिकारी पहुंचे और लोगों को उस जगह से हटाने की कोशिश करने लगे. वहां पर मौजूद लोगों की पुलिस के अधिकारियों के साथ काफी नोक झोंक भी हुई. इस संदर्भ में प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता रंजीत सिंह का आरोप है कि यह तो खुलेआम दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों की एक प्रकार से गुंडागर्दी है. यहां के लोग 5 हजार से अधिक रुपये देकर टैंकर भरवा रहे हैं. जहां लोग पानी के लिए तरस रहे हैं उस जगह पर लाखों लीटर पानी बर्बाद हो रहे हैं. यह लापरवाही सरकार के एजेंसियों की पोल खोलती है. रंजीत सिंह ने इन अधिकारियों पर FIR दर्ज करने की मांग की है.
अधिकारी क्यों नहीं रोक पा रहे पानी की बर्बादी
काफी हंगामे के बाद दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को पाइपलाइन फटे होने की सूचना मिलती है. इसके बाद लीकेज को बंद करने का काम शुरू किया जाता है, लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि अगर जल बोर्ड का पाइपलाइन लीकेज होता है तो इसकी सूचना मिलने के बाद भी दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी मौके पर क्यों नहीं पहुंचते? साथ ही बर्बाद हो रहे पानी को क्यों नहीं रोक पाते?