Delhi: `जिंदा हूं मैं...` जानें क्यों खुद के जिंदा होने का सबूत लेकर घूम रहे बाबूलाल
Delhi News: बाबूलाल शर्मा राजधानी दिल्ली में MCD द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ हैं. चांदनी चौक स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में इनका खाता है, बैंक वालों ने अचानक इनको मृत घोषित करते हुए इनके खाते को बंद कर दिया. अब ये खुद के जिंदा होने का सबूत लेकर घूम रहे हैं.
Delhi News: राजधानी दिल्ली से बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां शख्स खुद के जिंदा होने का सबूत दे रहा है. दरअसल, बैंक वालों ने जिंदा इंसान को मृत बताकर बैंक खाते को बंद कर दिया, जिसके बाद से शख्स बैंक के सामने खुद के जीवित होने का सबूत दे रहा है. बावजूद इसके अब तक बैंक खातों को एक्टिव नहीं किया गया है.
क्या है पूरा मामला
बाबूलाल शर्मा राजधानी दिल्ली में MCD द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ हैं और इनका सैलरी अकाउंट चांदनी चौक स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में है . बीती 10 जुलाई को यह रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) करने पहुंचे उसके बाद अचानक बैंक खातों में इनको मृत घोषित कर दिया गया. जब बाबूलाल को यह बात पता चली तो वह हैरान रह गए.
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दरअसल, इसी बैंक से उनकी सैलरी आती है और इसी बैंक से वो सारा लेनदेन का काम करते हैं. बावजूद इसके बैंक वालों ने अचानक उन्हें मृत घोषित कर दिया. अब पिछले कई दिनों से बाबूलाल बैंक के चक्कर काट के खुद के जिंदा होने का सबूत दे रहे हैं, इसके बाद भी उनके खाते को एक्टिव नहीं किया गया है. बाबूलाल का कहना है कि जब उन्होंने बैंक वालों से बात की तो उन्होंने कहा कि हम आपको मार तो सकते हैं, लेकिन जिंदा करने का अधिकार हेडक्वार्टर के पास है. उसके बाद से वो हेडक्वार्टर चक्कर काट रहे हैं. लगभग 13 दिन का समय बीत जाने के बाद भी अब तक बैंक वाले उन्हें जीवित नहीं कर पाए हैं.
बाबूलाल रोज हाथ में 'मैं जिंदा हूं' का पोस्टर लेकर बैंक के चक्कर काटने को मजबूर हैं. उनका कहना है कि बैंक वालों की लापरवाही की वजह से उन्हें शारीरिक और आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. रोज बैंक के चक्कर काटने के बाद भी वह अब तक बैंक रिकॉर्ड में जीवित नहीं हो पाए हैं.
Input- Sanjay Kumar Verma