Delhi News: दिल्ली यूनिवर्सिटी के मेन कैंपस में शैक्षणिक बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 252 पेड़ों को प्रतिरोपित (Transplant) करने और 15 पेड़ों को काटने की मंजूरी दे दी है. इसके बाद खाली हुए क्षेत्र का उपयोग इंटर डिसिप्लिनरी अकादमिक और रिसर्च बिल्डिंग ऑफ एमिनेंस, फैकल्टी ऑफ टेक्नॉलॉजी की अकादमिक बिल्डिंग, लाइब्रेरी बिल्डिंग और कंप्यूटर सेंटर के निर्माण के लिए किया जाएगा.


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उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस में प्रस्तावित अकादमिक बिल्डिंगों के निर्माण के लिए 252 पेड़ों को स्थानांतरित कर दूसरी जगह लगाने और 15 पेड़ों की कटाई के लिए मंजूरी दे दी है. स्थानांतरित या काटे जाने वाले कुल 267 पेड़ों के बदले, यूनिवर्सिटी 2670 पेड़ (कुल पेड़ों की संख्या से दस गुना), प्रतिपूरक वृक्षारोपण (compensatory plantation) के तौर पर लगाएगी. पेड़ों की यह संख्या उन 267 पेड़ों से अलग है, जिन्हें स्थानांतरित कर दूसरी जगह लगाया जाएगा. दिल्ली यूनिवर्सिटी द्वारा प्रतिपूरक वृक्षारोपण की अनुमानित लागत 1,57,89,000 रुपये अग्रिम तौर पर जमा की जाएगी. 


DU में 4.8834 हेक्टेयर क्षेत्र का उपयोग दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (डीएसई) कैंपस के अंदर इंटर डिसिप्लिनरी अकादमिक और रिसर्च बिल्डिंग ऑफ एमिनेंस के निर्माण के अलावा, फैकल्टी ऑफ टेक्नॉलॉजी की अकादमिक बिल्डिंग (फैकल्टी जो डीयू के पास पूर्ववर्ती डीसीई और एनएसआईटी के स्वतंत्र विश्वविद्यालय बनने के बाद से नहीं है) और लाइब्रेरी निर्माण के लिए किया जाएगा. इससे मौजूदा सेंट्रल रेफ्रेंस लाइब्रेरी और इंटीग्रेटेड कंप्यूटर सेंटर का विस्तार होगा. इस परियोजना की पूरी लागत 900 करोड़ रुपये से अधिक है, जिसे भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा. 


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इस बारे में LG ने कहा कि वन विभाग के अधिकारियों द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय के संबंधित अधिकारियों के साथ प्रोजेक्ट साइट के तय मानदंडों के अनुसार संयुक्त निरीक्षण किया गया था. यह भी बताया गया कि प्रोजेक्ट साइट मॉर्फोलॉजिकल रिज क्षेत्र (Morphological Ridge Area) और डीम्ड फॉरेस्ट (Deemed Forest) की परिभाषा के अंतर्गत नहीं आती है.


कुल 267 पेड़ों में से 252 को प्रतिरोपित (Transplant) किया जाएगा और 15 को काटा जाएगा. इसके अलावा 2670 पौधों का प्रतिपूरक रोपण (compensatory plantation) किया जाएगा. यानी प्रतिरोपित/काटने के लिए स्वीकृत पेड़ों की संख्या से दस गुना अधिक है. साथ ही, दिल्ली यूनिवर्सिटी द्वारा यूनिवर्सिटी के पहले से ही चिन्हित 24,120 वर्गमीटर क्षेत्र में नीम, अमलतास, पीपल, पिलखन, गूलर, बरगद, देशी कीकर और अर्जुन की प्रजातियों के साथ-साथ अन्य देशी प्रजातियों के अतिरिक्त 100 पौधे लगाए जाएंगे. 


267 पेड़ों को दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम, 1994 (Delhi Preservation of Trees Act, 1994) के प्रावधानों के तहत प्रतिरोपित/स्थानांतरण के लिए उपराज्यपाल की मंजूरी आवश्यक थी. दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम की धारा 9 (3) वृक्ष अधिकारी को पेड़ों की कटाई और उन्हें स्थानांतरित कर प्रतिरोपित करने के बारे में निर्णय लेने का अधिकार देती है. हालांकि, यह एक बार में 1 हेक्टेयर क्षेत्र को ही प्रतिबंधित करता है, जिसके लिए वह अनुमति दे सकते हैं. 


इसके अलावा, धारा 29 सरकार को सार्वजनिक हित में किसी भी क्षेत्र या पेड़ों की किसी भी प्रजाति को इस अधिनियम के सभी या किसी भी प्रावधान से छूट देने का अधिकार देती है. तत्काल परियोजना 1 हेक्टेयर (इस परियोजना में 4.8834 हेक्टेयर) से अधिक क्षेत्र में फैली है, इसलिए विभाग ने सरकार से और धारा 29 के तहत छूट प्रदान करने के लिए उपराज्यपाल से मंजूरी मांगी थी.