Delhi News: LG वीके सक्सेना ने दिल्ली के मुख्यमंत्री CM केजरीवाल को पत्र लिखकर GNCTD के स्वास्थ्य विभाग के तहत आने वाले अस्पतालों की स्थिति को लेकर चिंता जताई है. इस दौरान LG ने कहा कि भले ही आपके और आपके मंत्रियों द्वारा लगातार इसके विपरीत दावे किए जाते रहे हों, लेकिन हाल की मीडिया रिपोर्टों में दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की निराशाजनक स्थिति पर दिल्ली HC द्वारा की गई तीखी टिप्पणियों को उजागर किया गया है. LG के लेटर का CM केजरीवाल ने जवाब भेजा है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

LG का लेटर



LG ने लेटर में कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के रूप में दिल्ली में रहने वाले लोग विश्व स्तरीय स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की हकदार है, जिसमें लोगों की सेहत को प्राथमिकता मिले, न की उनकी उपेक्षा हो. इस लेटर में LG ने दिल्ली HC के एक मामले का भी जिक्र किया है. दरअसल, मीडिया में प्रकाशित खबरों को स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली हाई कोर्ट एक मामले की सुनवाई कर रहा है, जिसमें नवजात शिशु की मृत्यु हो गई थी. 


ये भी पढ़ें- Delhi News:BJP पर गरजे CM केजरीवाल, कहा- भाजपा में शामिल होने पर सारे खून माफ


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उसकी मौत सीटी स्कैन, आईसीयू/वेंटिलेटर बेड सहित आवश्यक सुविधाओं की अनुपलब्धता और अस्पतालों के बीच संचार नेटवर्क की अनुपस्थिति के कारण अस्पतालों ने भर्ती करने से इनकार करने की वजह से हुई. इस दौरान LG ने ये भी कहा कि इसके अलावा भी  GNCTD के कई अस्पतालों में मूलभूत सुविधाओं की कमी की खबरें सामने आ रही हैं. इन मामलों को संज्ञान में लेते हुए LG ने तुरंत मौजूदा स्थिति को सुधारने की बात कही है. 


CM केजरीवाल का जवाब



दिल्ली के उपराज्यपाल की चिट्ठी के जवाब में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखकर कहा कि मैंने स्वास्थ्य मंत्री से इस बारे में रिपोर्ट मांगी है. मैंने आपसे पहले ही हेल्थ सेक्रेट्री दीपक कुमार को हटाने के लिए कहा था, क्योंकि वह अक्षम हैं. साथ ही मंत्री के लिखित और मौखिक आदेश का भी पालन नहीं करते. एक चुनी हुई सरकार कैसे काम करेगी अगर वरिष्ठ नौकरशाह मंत्री के आदेश मानने से मना कर देंगे? इसी तरह पूर्व में वित्त सचिव आशीष वर्मा ने दवाइयां, टेस्ट, डॉक्टरों का वेतन, फरिश्ते योजना और दिल्ली आरोग्य कोर्स स्कीम का पैसा रोक दिया, जिसकी वजब से पूरा हेल्थ सिस्टम पैरालाइज हो गया. मैंने आपसे निजी मीटिंग के दौरान और लिखित में भी कई बार बताया कि वह खुले तौर पर वित्त मंत्री के आदेश को मानने से मना कर देते हैं. वित्त सचिव और स्वास्थ्य सचिव जिस तरह से खुलकर मंत्रियों के आदेशों को मानने से मना कर रहे हैं उसकी वजह से दिल्ली का स्वास्थ्य सिस्टम ऐसा हो गया है. मैं मानता हूं कि आपकी जरूर कोई मजबूरी होगी, वरना कई बार मुझे वादा देने के बावजूद आपने इनको नहीं हटाया है. दिल्ली के लोगों के हित में कृपया इन दोनों अफसर को जल्द से जल्द हटाएं.