नई दिल्ली: दिल्ली के कथित शराब घोटाले ने 2024 चुनाव से पहले देश में उत्तर से लेकर दक्षिण तक के राज्यों में हलचल पैदा कर कर दी है. जिस तरह मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के विरोध में 9 विपक्षी दलों ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा, उसे राजनीतिक हलकों में चुनाव पूर्व गठजोड़ के तौर पर देखा जाने लगा है.


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आम आदमी पार्टी को मिल रहे राजनीतिक समर्थन को देखते हुए इसके पीछे की वजहों को खंगालने के लिए ईडी अब तेलंगाना तक पहुंच गई है. दिल्ली के कथित शराब घोटाले की तह तक पहुंचने के लिए जांच एजेंसी ने तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव (KCR) की बेटी और एमएलसी कविता को बीते दिन समन जारी किया. उन पर कथित घोटाले में संलिप्तता का आरोप है. 


भारत राष्ट्र समिति (BRS) की नेता कविता ने ईडी के आरोपों से इनकार करते हुए यह दावा किया किया वह राजनीतिक साजिश का शिकार हुई हैं और असल में उनके पिता के चंद्रशेखर राव केंद्र सरकार असली टारगेट पर हैं. उन्होंने यह बात ईडी द्वारा हैदराबाद के व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई को गिरफ्तार किए जाने के एक दिन बाद कही. पिल्लई कथित तौर पर कविता के करीबी हैं और उन पर कई कंपनियों द्वारा शराब के सौदे करने और दिल्ली सरकार से उनके लिए वितरण लाइसेंस हासिल करने में शामिल होने का आरोप है.


 KCR ने कैबिनेट की बैठक बुलाई 


केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इस सिलसिले में कविता के पूर्व ऑडिटर बुचिबाबू को भी गिरफ्तार किया है. कविता ने ट्वीट कर बताया कि वह 11 मार्च को दिल्ली स्थित ईडी के दफ्तर में पूछताछ के लिए पेश होंगी. ईडी के समन के बाद तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है. 


पीएम को पत्र लिखा चुके हैं विपक्षी दल 
दरअसल हाल ही में केसीआर समेत 9 विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी एक लोकतांत्रिक देश के रूप में भारत के लिए अच्छा संकेत नहीं है. इस पत्र पर अरविंद केजरीवाल के अलावा उद्धव ठाकरे, केसीआर, भगवंत मान, फारूक अब्दुल्ला, अखिलेश यादव, शरद पवार, तेजस्वी यादव और ममता बनर्जी ने हस्ताक्षर किए थे. पत्र में ED और CBI जैसी एजेंसियों के दुरुपयोग की निंदा करते हुए गवर्नर कार्यालय पर चुनी हुई लोकतांत्रिक सरकारों के काम में दखल देने का आरोप लगाया है. राजनीतिक हलकों में ये सुगबुगाहट तेज हो गई है कि जैसे-जैसे चुनाव का समय नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे केंद्रीय एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं. 


दबाव में काम कर रही हैं एजेंसियां : आप 
अब देखना होगा कि चुनाव से पहले देशवासियों के सामने घोटालों और उनके सूत्रधारों के चेहरे सामने आते हैं या फिर यह महज 2024 चुनाव से पहले विपक्षी दलों की एकजुटता को हिलाने की प्रैक्टिस है. आम आदमी पार्टी के नेता पहले ही कई बार आरोप लगा चुके हैं कि अरविंद केजरीवाल की स्वीकार्यता बढ़ने के कारण केंद्रीय एजेंसियां केंद्र सरकार के दबाव में कार्रवाई कर रही हैं.