Delhi Liquor Scam: CBI 3 बजे करेगी मनीष सिसोदिया को कोर्ट में पेश, इन आरोपों में हुई है गिरफ्तारी
दिल्ली सरकार और मनीष सिसोदिया पर मुख्य सचिव ने इन विभिन्न आरोपों की रिपोर्ट दिल्ली एलजी को भेजी थी. इसके बाद एलजी वीके सक्सेना ने मामले को संज्ञान में लेते हुए CBI को कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
Manish Sisodia Update: मनीष सिसोदिया को CBI ने शराब नीति घोटाले के मामले में गिरफ्तार कर लिया है. वहीं उनकी आज दोपहर 3 बजे राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी की जानी है. वहीं उनकी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरीये भी हो सकती है. इसका फैसला CBI हालात को देखकर लेगी कि कैसे पेश करना है फिजीकली या वीसी के जरिये. इस मामले में दिल्ली एलजी ने नई आबकारी नीति की CBI जांच के निर्देश दिए थे. इसमें दिल्ली सरकार और आबकारी मंत्री पर मनीष सिसोदिया पर मुख्य रूप से आरोप लगाए गए थे. इस मामले में चीफ सेक्रेट्री ने रिपोर्ट भेजी थी, जिसके आधार पर एलजी ने CBI को जांच के निर्देश दिए थे.
ये आरोप लगे
1. दिल्ली सराकर और मनीष सिसोदिया पर कोरोना काल में हुए नुकसान की भरपाई के लिए शराब बेचने वाली कंपनियों की 144.36 करोड़ रुपए की लाइसेंस फीस माफ करने का आरोप लगा है.
2. वहीं उन पर एल-1 के टेंडर में शामिल एक कंपनी की 30 करोड़ रुपये की अर्नेस्ट डिपॉजिट मनी कंपनी को वापस कर देने के आरोप लगे हैं.
3. दो जोनों में शराब निर्माता कंपनी को रिटेल सेक्टर में शराब बेचने की इजाजत दी गई.
4. ठेकेदारों का कमीशन 2.5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया.
5. कार्टल पर पाबंदी के बावजूद शराब विक्रेता कंपनियों के कार्टल को लाइसेंस देने का आरोप है.
6. बिना एजेंडा और कैबिनेट नोट सर्कुलेट कराए कैबिनेट में मनमाने तरीके से प्रस्ताव पास करवाने के आरोप हैं.
7. शराब विक्रेताओं को फायदा पहुंचाने के लिए ड्राई डे की संख्या 21 से घटाकर 3 करने के आरोप हैं.
8. मास्टर प्लान के नियमों का उल्लंघन करते हुए नॉन कन्फर्मिंग इलाकों में ठेके खोलने की इजाजत दी गई.
9. एक ब्लैक लिस्टेड कंपनी को दो जोन के ठेके देने का आरोप है.
10. विदेशी शराब और बियर के केस पर मनमाने ढंग से 50 रुपये प्रति केस की छूट दी गई, जिसका फायदा कंपनियों ने उठाया.
11. एलजी की मंजूरी लिए बिना दो बार पॉलिसी को एक्सटेंड किया और मनमाने तरीके से डिस्काउंट ऑफर दिए गए, जिससे कुछ कंपनियों को फायदा पहुंचा
12. नई पॉलिसी लागू करने में जीएनसीटी एक्ट-1991, ट्रांजैक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स 1993, दिल्ली एक्साइज एक्ट 2009 और दिल्ली एक्साइज रूल्स 2010 का उल्लंघन करने का आरोप है.