Delhi News: दिल्ली का सबसे पॉश इलाका ग्रेटर कैलाश में एक प्रतिष्ठित मेडिकल सेंटर है. यहां बिना सर्जरी की डिग्री के मरीजों के जान के साथ हो खिलवाड़ रहा था. मरीज आते थे गॉल ब्लैडर का सफल ऑपरेशन करवाने, लेकिन उनकी जान चली जाती थी. आखिरकार कई मौतों के बाद इस फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ. इस मेडिकल सेंटर के हेड, उसकी पत्नी, एक और MBBS डॉक्टर के साथ चार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.


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पुलिस के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों में डॉक्टर नीरज अग्रवाल, उसकी पत्नी पूजा अग्रवाल, डॉक्टर जसप्रीत और ओटी टेक्निशियन महेंद्र के रूप में हुई है. इनमें नीरज MBBS डॉक्टर है और जसप्रीत MBBS (MS) सर्जन डॉक्टर है. डॉक्टर नीरज की पत्नी पूजा असिस्टेंट के रूप में काम करती थी और महेंद्र ओटी टेक्नीशियन है. पुलिस ने हेल्थ सेंटर से काफी मात्रा में प्रतिबंधित मेडिसिन, एक्सपायरी सर्जिकल ब्लेड, अलग-अलग पेशेंट के प्रिसक्रिप्शन, अलग-अलग बैंक के 47 चेक बुक, 56 एटीएम कार्ड अलग-अलग बैंक के और अलग-अलग बैंक के पासबुक और 6 क्रेडिट कार्ड मशीन बरामद किए गए हैं.


बता दें कि इस मेडिकल सेंटर जहां इलाज के लिए आए कई मरीजों ने एक एक करके अपनी जान गंवा दी. इस सेंटर का हेड डाक्टर नीरज ओटी टेक्निशियन महेंद्र को सीनियर सर्जन बताकर अभी तक बड़ी संख्या में सर्जरी कर चुका है. ग्रेटर कैलाश थाना की पुलिस को इस सेंटर के खिलाफ कई शिकायतें मिली थी. करीब एक सप्ताह पहले हुई एक मरीज की मौत के बाद मेडिकल सेंटर में परिजनों ने हंगामा किया था, जिसके बाद पूरा मामला सामने आया है. उस हंगामे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची. हंगामा कर रहे लोगों ने बताया था. अपने मरीज को यहां भर्ती किया था, लेकिन उसकी सर्जरी की गई, जिसमें उसकी मौत हो गई.


मृतक परिजनों की शिकायत पर मामले की जांच शुरू हुई. जांच में पता चला की इस मेडिकल सेंटर के खिलाफ पहले भी कई शिकायतें आ चुकी है. हर शिकायत में मरने वाले मरीज की सर्जरी की गई थी. पुलिस को मामला संदिग्ध लगा, जांच के बाद पुलिस ने मेडिकल सेंटर के संचालक डॉ. नीरज अग्रवाल, पूजा अग्रवाल, डॉ. जसप्रीत और महेंद्र को पकड़ लिया.


जानकारी के अनुसार 2022 में भी एक महिला की मौत सर्जरी के बाद हो गई थी, जिसे प्रसव पीड़ा के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था. परिजनों ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया था कि महिला का प्रसव बिना सर्जरी के हो गया था, लेकिन डॉक्टर ने प्रसव के बाद उसकी सर्जरी की जिससे उसकी मौत हो गई. पुलिस ने उस मामले की जांच के बाद अब इस मामले में कार्रवाई की है. इस नर्सिंग होम के आस परोस के लोग एवं स्थानीय RWA से जब हमने बात की तो उन लोगों ने बताया की किस तरह से इस नर्सिंग होम के द्वारा मेडिकल निगलेजेंसी की घटनाएं होती थी.


बता दें कि अग्रवाल मेडिकल सेंटर में मेडिकल नेगलिजेंसी का काम एक रैकेट की तरह किया जा रहा था. अग्रवाल मेडिकल सेंटर डॉक्टर नीरज अग्रवाल का था. नीरज अग्रवाल पहले सफदरजंग अस्पताल में नौकरी कर चुका था. कुछ साल काम करने के बाद उसने यह मेडिकल सेंटर खोला, जिसमें उसकी पत्नी पूजा अग्रवाल एक रिसेप्शनिस्ट और नर्सिंग स्टाफ के तर्ज पर काम कर रही थी. इस अस्पताल में ऑपरेशन टेक्नीशियन के तौर पर महेंद्र भी काम करता था. 


इन तीनों ने इस अस्पताल में डॉक्टर जसप्रीत थी, जोकि एक सर्जन है. उनका लेटर हेड रखा था. मरीज जब यहां आता था, उसको सर्जरी जब किया जाता था तो प्रिस्क्रिप्शन डॉक्टर जसप्रीत के नाम से बनती थी, जबकि ऑपरेशन टेक्नीशियन महेंद्र करता था. शायद यही कारण था की टेक्नीशियन द्वारा किए गए ऑपरेशन के कारण इतनी मौतें हुई है.


पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि नीरज अग्रवाल जब सफदरजंग में काम कर रहे थे. उसे वक्त उनके काफी कांटेक्ट वहां भी बन गए थे और हाल के दिनों में भी एक सिंडिकेट के द्वारा सफदरजंग से मरीजों को इस अग्रवाल मेडिकल सेंटर में रेफर किया जा रहा था, जिसके चलते न सिर्फ इस अस्पताल में मेडिकल नेगलिजेंसी होती थी, बल्कि उसके नाम पर हर महीने लाखों रुपये की कमाई भी की जाती थी. पुलिस इन तमाम सिंडिकेट को लेकर जांच में जुटी हुई है, जिस तरह से बड़े अस्पताल और बड़े डॉक्टर का नाम इस पूरे रैकेट में आ रहा है, जाहिर है कि आने वाले दिनों में मेडिकल नेगलिजेंसी के इस रैकेट में कई और आरोपी और कई अपराध सामने आएंगे.


Input: Mukesh Singh