नई दिल्ली: नजफगढ़ को जाम मुक्त बनाने के लिए दिल्ली सरकार जल्द ही एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण कराने जा रही है. प्रोजेक्ट को दिल्ली सरकार के PWD मंत्री मनीष सिसोदिया से मंजूरी मिल गई है. मनीष सिसोदिया ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार द्वारा राजधानी को ट्रैफिक मुक्त बनाने के लिए युद्धस्तर की तैयारियां चल रही हैं.


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मनीष सिसोदिया की मिली सहमति
केजरीवाल सरकार नजफगढ़ को जाममुक्त करने के लिए बहुत जल्द वहां एक एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण कराने जा रही है. बुधवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नजफगढ़ से विधायक व दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत व पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक में इसके पहले फेज को मंजूरी दी. 4.8 किमी लम्बाई के इस एलिवेटेड कॉरिडोर के बनने के बाद नजफगढ़ रोड पर लगने वाले ट्रैफिक में भारी कमी आएगी और लोगों को लम्बे ट्रैफिक जाम राहत मिलेगी. कॉरिडोर के निर्माण के बाद फिरनी रोड, कापसहेड़ा रोड, ढासा रोड, बहादुरगढ़ रोड व नांगलोई रोड पर चलने वाले वाहन इस एलिवेटेड रोड का इस्तेमाल कर लंबे ट्रैफिक जाम से बच सकेंगे.


दिल्ली-हरियाणा के यात्रियों को मिलेगी राहत
पीक आवर्स के दौरान नजफगढ़-फिरनी रोड पर भीषण जाम लग जाता है. ये रोड दिल्ली हरियाणा के बीच आने-जाने वालों के लिए मुख्य मार्ग है. रोड को जाम मुक्त बनाने के लिए यहां एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण कराया जाएगा.कॉरिडोर का निर्माण हो जाने के बाद दिल्ली- हरियाणा के बीच चलने वाली गाड़ियों को शहर के ट्रैफिक से परेशान नहीं होना पड़ेगा. कॉरिडोर के बनने से रोड का लोड कम होगा और बाहरी यात्रियों के साथ शहर के यात्रियों को भी जाम की समस्या से निजात मिलेगी.


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एलिवेटेड रोड की विशेषताएं
इस रोड की कुल लंबाई 4.8 किलोमीटर होगी. साथ ही रोड की रैंपस की लंबाई 1.68 किलोमीटर की होगी.वन-वे कैरिजवे के साथ एलिवेटेड रोड पर जाने के लिए कुल 7 अप-डाउन रैंप होंगे. इस प्रोजेक्ट की अधिक जानकारी देते हुए दिल्ली के परिवहन मंत्री और नजफगढ़ के विधायक कैलाश गहलोत ने कहा कि सरकार का यह कोरिडोर दिल्ली-हरियाणा के यात्रियों के लिए वरदान साबित होने वाला है. साथ ही प्रोजेक्ट पूरा होने से राजधानी के बुनियादी ढांचा और मजबूत होगा.