Delhi News: लाल सागर संकट के कारण बढ़ सकती है कारों की कीमत, मारुति सुजुकी इंडिया ने दी जानकारी
Delhi News: लाल सागर संकट के कारण जहाजों के मार्ग में बदलाव के कारण मारुति सुजुकी की कारों की कीमतों में कुछ बढ़ोतरी हो सकती है.
Delhi News: लाल सागर संकट के कारण जहाजों के मार्ग में बदलाव के कारण देश की प्रमुख कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) की लागत में कुछ बढ़ोतरी हो सकती है. कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही है. वाहन क्षेत्र की इस प्रमुख कंपनी ने पिछले कैलेंडर साल में लगभग 2.7 लाख कारों का निर्यात किया था. हालांकि, कंपनी ने कहा है कि उसे नहीं लगता कि इस मुद्दे का उसके निर्यात पर कुछ विशेष प्रभाव पड़ेगा.
ये भी पढ़ें: Haryana Crime: लाखों रुपये लेकर चंपत हुए चोर तो फूटा लोगों का गुस्सा, सड़कों पर उतर लगाया जाम
एमएसआई के कार्यकारी अधिकारी (कॉरपोरेट मामले) राहुल भारती ने कहा कि लाल सागर मुद्दे के कारण हमें कुछ लॉजिस्टिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. जोखिम और वाहनों के मार्ग में बदलाव की वजह से लागत में कुछ बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन यह उल्लेखनीय नहीं होगी. उन्होंने कहा कि माल निर्यात के समय में कुछ बदलाव हो सकता है.
इससे जहाजों के आने और निर्यात के लिए वाहनों के उठाव में कुछ अनिश्चितता देखने को मिल सकती है. भारती ने कहा कि यह एक छोटा मुद्दा है, लेकिन निर्यात कारोबार में एक सामान्य बात है. लाल सागर जलडमरूमध्य वैश्विक कंटेनर यातायात के 30 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार के 12 प्रतिशत के लिए महत्वपूर्ण है. यूरोप के साथ भारत का लगभग 80 प्रतिशत वस्तुओं का व्यापार इसी मार्ग से होता है. भारती ने कहा कि मारुति सुजुकी ने इस दशक के अंत तक कम से कम 7.5 लाख वाहनों के निर्यात करने का लक्ष्य रखा है.
उन्होंने कहा कि अफ्रीका एक अच्छा बाजार बनता जा रहा है और कई कारणों से पश्चिम एशिया क्षेत्र ने हाल काफी अच्छा प्रदर्शन किया है. भारती ने कहा कि सरकार कुछ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर हस्ताक्षर कर रही है, जिसमें कंपनी को शुल्क में कुछ राहत मिल सकती है. उन्होंने कहा कि मारुति इस साल बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों (बीईवी) का उत्पादन शुरू करने की तैयारी कर रही है. इस तरह का पहला मॉडल एक मध्यम आकार की एसयूवी होगी. यह मॉडल घरेलू बाजार की जरूरतों को पूरा करेगा. इसके अलावा इसका जापान और यूरोप को निर्यात भी किया जाएगा.