Delhi News: भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने WFI के महासचिव से वित्तीय साधनों सहित आधिकारिक दस्तावेजों को Ad-hoc Committee को सौंपने के लिए कहा है. वहीं अभी पदाधिकारियों की महासंघ चलाने में कोई भूमिका नहीं होगी. साथ ही WFI ने कहा कि उसे AOI के आदेश का पालन करने में कोई परेशानी नहीं है, क्योंकि हम पहले से ही अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहे हैं. WFI के दिन-प्रतिदिन के मामलों का प्रबंधन करने और NSF के नियत चुनाव कराने के लिए एक समिति का गठन IOA ने किया था.


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बता दें कि खेल मंत्रालय ने पिछले महीने जंतर-मंतर पर पहलवानों के प्रदर्शन पर लौटने के बाद आईओए द्वारा Ad-hoc समिति का गठन कराया था. प्रदर्शन में महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के आरोप में डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग की गई थी. वहीं अब IOA ने शुक्रवार को एक पत्र जारी कर कहा कि सभी प्रशासनिक, वित्तीय और नियामकीय भूमिकाएं अब ad-hoc समिति निभाएंगी. वहीं यह स्पष्ट किया जाता है कि कुश्ती के अनुशासन के लिए आईओए द्वारा नियुक्त तदर्थ समिति राष्ट्रीय खेल महासंघ के सभी कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाएगी (WFI) खेल संहिता में वर्णित है. 


IOA ने कहा कि WFI के निवर्तमान पदाधिकारियों की अब कोई भुमिका नहीं होगी. भारतीय पहलवानों की भागीदारी विवरण सहित सभी आवश्यक दस्तावेज Ad-hoc समिति को सौंपने होंगे. वहीं WFI के पदाधिकारियों को निर्देश दिया जाता है कि वे वेबसाइट प्रबंधन, वित्तीय साधनों, अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में भारतीय खिलाड़ियों की भागीदारी के लिए प्रविष्टियां करने के लिए लॉगिन विवरण सहित सभी आधिकारिक दस्तावेजों को तत्काल Ad-hoc समिति को सौंप दें.


वहीं डब्ल्यूएफआई महासचिव वीएन प्रसाद ने कहा कि उन्हें प्रासंगिक दस्तावेज IOA पैनल को सौंपने में कोई दिक्कत नहीं है. उन्होंने कहा कि यह सामान्य बात है. जब निरीक्षण समिति का गठन किया गया था, तब भी हमने उन्हें अपने कर्मचारियों के जरिये सभी आवश्यक दस्तावेज दिए थे. यह कोई मुद्दा नहीं है. हमारा कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका है और IOA और सरकार प्रबंधन कर रही है. इन दस्तावेजों के लिए पूछना सामान्य प्रक्रिया है.