Delhi News: यमुना में हुई जल बढ़ोतरी के बाद यमुना से सटे कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया था, जिसके बाद कई कॉलोनी के लोग अपने घरों को खाली कर सुरक्षित स्थान पर जाने पर मजबूर हो गए थे. बाढ़ के कारण जैतपुर पार्ट-2 इलाके के विश्वकर्मा कॉलोनी भी बाढ़ से प्रभावित हुआ था. इस वजह से कॉलोनी के घरों में तकरीबन 6 से 7 फीट पानी भर गया था, जिसके बाद एनडीआरएफ की टीम के द्वारा कई लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया था. 


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अब भी सता रही बाढ़
अब बाढ़ के खत्म हुए तकरीबन 15 दिन से ज्यादा हो गए हैं, जिसके बावजूद बाढ़ का हालात लोगों को अब भी परेशान कर रहा है. बाढ़ के बाद लोगों के घरों का समान पूरी तरह से तहस-नहस हो चुका है, जिसमें उनके घर के बेड, कपड़े, रेफ्रिजरेटर, कूलर, टीवी, इत्यादी वस्तुएं शामिल हैं. घरों में जलभराव के बाद ये समान पूरी तरह से खराब हो चुकी हैं. एक-एक घर का तकरीबन डेढ़ से 2 लाख का नुकसान हुआ है. ऐसे में 5 से 7 हजार की आबादी वाली इस कॉलोनी में लोगों को तकरीबन करोड़ों रुपयों का नुकसान हुआ है. 


सड़कें और नाली की कमी
लोगों का कहना है कि सरकार 10000 दे रही है, जबकि हमारा नुकसान लाखों का है. वो भी अभी तक कई लोगों को नहीं मिला है. उनका कहना है कि ये कॉलोनी तकरीबन 30 साल पुराना है. इसके बावजूद अभी तक हमारे कॉलोनी में सड़क नहीं है, नाली नहीं है और सीवर भी नहीं है. जिस वजह से हम लोगों को काफी समस्याएं होती हैं. अगर थोड़ी सी भी बारिश होती है तो हमें अपने घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है क्योंकि सड़कें पूरी तरह से कीचड़ से सन जाती हैं. अगर कॉलोनी में सड़क और नाली होती तो बाढ़ का पानी घरों में इतना नहीं घुसता और नुकसान कम होता. जनप्रतिनिधि सिर्फ हमें अपना वोट बैंक समझते हैं और जब उनका मतलब खत्म हो जाता है तो हमारी समस्याएं फिर से हमारी समस्याएं ही बनकर रह जाती हैं. आज हमारे इलाके में आई बाढ़ की वजह से हमारे घरों में दरारे आ गई हैं. घर का फर्श टूट कर नीचे धंस गया है. हमें सरकार कुछ दे या ना दे बस मूलभूत सुविधाएं दे यही हमारे लिए सबसे बड़ी सुविधा होगी.


INPUT- HARI KISHOR SAH