यंगस्टरों में पॉपुलर हो रहे एंफेटामाइन ड्रग को बनाने की फैक्ट्री, लैब का द्वारका जिला के एंटी नारकोटिक्स सेल ने पर्दाफाश किया है. ग्रेटर नोएडा में छापा मारकर वहां से करोड़ों की ड्रग्स और उसे बनाने वाला मैटेरियल बरामद किया है. ड्रग्स के इस मामले में चार अफ्रीकन मूल के नागरिकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इसकी जानकारी डीसीपी द्वारका अंकित सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में दी है.


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पुलिस के अनुसार ग्रेटर नोएडा में ड्रग बनाने के लिए लैब तैयार किया हुई थी, जहां पर केमिकल से एमफेटामाइन ड्रग्स तैयार किया जाता था. वहां से 20 किलो से ज्यादा रॉमटेरियल और एंफेटामाईन ड्रग रिकवर किया गया है. इसके साथ-साथ चार अफ्रीकन मूल के ड्रग तस्कर गिरफ्तार हुए हैं. गिरफ्तार हुए लोगों में से पहले ही तीन लोग 10-10 साल की सजा पा चुके हैं. यह तीनों अभी बेल पर बाहर चल रहे थे. 


टेक्निकल सर्विलांस और मैन्युअल से मिली जानकारी के आधार पर एसीपी ऑपरेशन राम अवतार की देखरेख में यह नारकोटिक्स स्क्वाड की टीम के साथ-साथ नारकोटिक्स के इंचार्ज इंस्पेक्टर सुभाष चंद, सब इंस्पेक्टर सपना शर्मा, भारत सिंह, हेड कांस्टेबल लोकेंद्र, अश्विनी आदि की पुलिस टीम ने इस बड़े मामले का खुलासा किया है. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार यंग स्टरों में इस ड्रग्स की खपत भारत में ज्यादा होने लगी है. इसके पीछे दो से तीन प्रमुख कारण हैं, पहला यह इस्तेमाल करने से मुंह से स्मेल नहीं आती है, जिससे कि जो भी युवक इसका इस्तेमाल करता है, उनके घर वालों को इसके बारे में पता नहीं चल पाता है. दूसरा यह की यह ड्रग दूसरे ड्रग के मुकाबले जल्दी असर करता है और दो-तीन बार यूज करने के बाद वह शख्स इसका ड्रग का एडिक्ट हो जाता है.


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पहले यह ड्रग केवल पाकिस्तान और आसपास के दूसरे कंट्री से तस्करी करके लाया जाता था, लेकिन अब केमिकल के जरिए बना करके भारत के अलग-अलग हिस्सों में यंगस्टरों तक पहुंचाने का गोरखधंधा शुरू हो गया है. पिछले साल भी द्वारका के एंटी नारकोटिक सेल ने इस तरह की ड्रग की खेप को बरामद किया था और कई आरोपियों को गिरफ्तारी भी की थी. आगे की छानबीन पुलिस टीम आरोपियों से पूछताछ के द्वारा कर रही है.