Delhi News: दिल्ली के रोहिणी में स्थित सरकारी शेल्टर होम 'आशा किरण' में जुलाई महीने में मानसिक रोगियों की मौतों ने सबको चिंता में डाल दिया है. शेल्टर होम में बढ़ती मृत्यु दर ने आशा किरण की व्यवस्थाओं पर एक बार फिर सवाल उठाए हैं. यह शेल्टर होम दिल्ली सरकार द्वारा मेंटल पेशेंट्स के लिए चलाया जा रहा एकमात्र आश्रय गृह है.


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12 मौतों ने सबको चौंकाया
आशा किरण के मेडिकल केयर यूनिट के अनुसार, 15 से 31 जुलाई के बीच 14 मरीजों की मौत हुई है, जिनमें अधिकांश महिलाएं हैं. इन मरीजों में समान लक्षण देखे गए, जैसे दस्त और उल्टी. आमतौर पर मृतक मरीजों के शव 'डॉक्टर बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल' भेजे जाते हैं, जो आशा किरण से मात्र दो किलोमीटर दूर है.


15 दिनों में 12 मरीजों की गई जान
इसके अतिरिक्त, जिन मरीजों को उचित चिकित्सा देखभाल नहीं मिल पाती, उन्हें भी अंबेडकर अस्पताल भेजा जाता है. अस्पताल के फोरेंसिक विभाग के सूत्रों के अनुसार, मृतकों में 10 महिलाएं और 2 पुरुष शामिल हैं. सूत्रों ने बताया कि 1 से 15 जुलाई के बीच केवल एक शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था, जबकि जुलाई के दूसरे पखवाड़े में अचानक मौतों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिसके बाद ये मामला नजरों में आया और तूल पकड़ने लगा.


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अब तक कोई पुख्ता कारण नहीं आया सामने
बताया गया कि कई अन्य मरीजों को भी इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया. मेडिकल केयर यूनिट के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में 54 मरीजों को चिकित्सा सुविधा के अभाव में बाहर भेजा गया, जो सामान्य से अधिक हैं. एक अन्य सूत्र ने बताया कि कई मरीजों के प्रारंभिक लक्षण केवल दस्त थे, लेकिन उनकी मृत्यु हो गई. वर्तमान में, मृत्यु के सटीक कारण का पता लगाने के लिए एफएसएल रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.