Delhi News: दिल्ली जल बोर्ड (DJB) ने 8 वर्षों में यमुना एक्शन प्लान के तहत केंद्र सरकार की तरफ से मिले कुल रुपयों का हिसाब दिया. जिसके अनुसार DJB को पिछले 8 साल में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन से 1,071.37 करोड़ रुपये मिले और इस अवधि के दौरान यमुना एक्शन प्लान -III के तहत 1,011.67 करोड़ रुपये खर्च किए गए. इसके साथ ही पिछले 5 साल में एमसीजी से 205 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि प्राप्त हुई और उसने इसे नमामि गंगे परियोजना के तहत खर्च किया गया. DJB ने एक RTI का जवाब देते हुए ये सभी जानकारियां साझा की. 


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एनएमसीजी फंड के साथ, 2015-16 से नौ प्रमुख परियोजनाएं शुरू की गईं. उनमें से सबसे महंगी परियोजना 431.40 करोड़ रुपये की लागत से यमुना एक्शन प्लान- III के तहत ओखला में 564 एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) का निर्माण था. 


8 साल में मिली राशि
पिछले 8 साल में मिली कुल राशि के बारे में जानकारी साझा करते हुए DJB ने बताया कि उन्हें साल 2015-16 में 4.96 करोड़ रुपये, 2016-17 में 2.17 करोड़ रुपये, 2017-18 में 36.37 करोड़ रुपये, 2018-19 में 190 करोड़ रुपये, 2019-20 में 160 करोड़ रुपये, 2020-21 में 225 करोड़ रुपये, 2021-22 में 390 करोड़ रुपये और 2022-23 में 70 करोड़ रुपये मिले. 


8 साल में हुआ कुल खर्च
8 साल में हुए कुल खर्च के बारे में जानकारी देते हुए DJB ने बताया कि साल 2015-16 में 1.11 करोड़ रुपये, 2016-17 में 3.68 करोड़ रुपये, 2017-18 में 15.93 करोड़ रुपये, 2018-19 में 113.74 करोड़ रुपये, 2019-20 में 219.49 करोड़ रुपये, 2020-21 में 299.91 करोड़ रुपये, 2021-22 में 233.21 करोड़ रुपये और 2022-23 में 124.60 करोड़ रुपये खर्च किए गए. 


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NMCG से मिली राशि
दिल्ली सरकार के अधीन कार्य करने वाले डीजेबी को नमामि गंगे परियोजना के तहत एनएमसीजी से भी राशि मिली. DJB के अनुसार, साल 2018-19 में उसे 120 करोड़ रुपये मिले, इसके बाद 2019-20 में 55 करोड़ रुपये, 2020-21 में 10 करोड़ रुपये, 2021-22 में 15 करोड़ रुपये और 2022-23 में 5.45 करोड़ रुपये मिले.


NMCG से मिली राशि का खर्च
एनएमसीजी से मिली राशि के खर्च के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि साल 2018-19 में 55.05 रुपये खर्च किए, इसके बाद 2019-20 में 72.65 करोड़ रुपये, 2020-21 में 38.24 करोड़ रुपये, 2021-22 में 36.44 करोड़ रुपये और 2022-23 में 3.45 करोड़ रुपये खर्च किए गए. 


इसके साथ ही नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत उपलब्धियों पर, DJB ने कोरोनेशन पिलर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के बारे में बताया, जिसक निर्माण कार्य साल 2022 में पूरा हो गया. इस संयंत्र का निर्माण कोरोनेशन पिलर ड्रेनेज जोन से उत्पन्न अपशिष्ट जल के उपचार के लिए किया गया है.