Bakrid Eid 2023: नॉर्थ दिल्ली के वजीराबाद इलाके में हर साल बकरी ईद का त्यौहार बड़ी ही हर्षोल्लास के साथ बनाते हैं. कुर्बानी के बाद निकले अवशेषों को खुले में नहीं डालकर बल्कि सुरक्षित स्थान सुनिश्चित कर साफ-सफाई व सुरक्षा विवस्था के लिहाजे से शासन-प्रशासन और मस्जिदों की कमेटी द्वारा पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं. बकरी ईद को लेकर जमकर कुर्बानी के बकरों की खरीदारी हो रही है.


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इस दिन मनाया जाएगा ईद का त्यौहार


इस बार बकरी ईद का त्यौहार 29 जून, 2023 को मनाया जाएगा. बकरी ईद के मात्र 5 दिन बचे हैं. ऐसे में बकरी ईद वाले दिन कुर्बानी वाले बकरों की मंडियां भी लगने लगी है और लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं. वहीं वजीराबाद संगम विहार में मुस्लिम तबका आबादी बहुत ज्यादा है. ऐसे में हर साल कुर्बानी को लेकर प्रशासन की तरफ से कई फरमान जारी किए जाते हैं.


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खुले में न करें कुर्बानी


बकरी ईद के दिन खुले में कोई भी कुर्बानी न करे ताकि किसी को कोई समस्या का या परेशानी का सामना न करना पड़े.  वजीराबाद में रहने वाले तमाम लोग तमाम नियमों का पालन करते हुए बंद मकान या शामियाने लगाकर कुर्बानी करते हैं ताकि किसी भी राहगीर को कुर्बानी से आपत्ति न हो और किसी भी तरह की कोई परेशानी का सामना न करना पड़े,  जिसको लेकर तमाम तरह की तैयारियां की जा रही है.


कैसे जानवर की कुर्बानी से बचे


आपको बता दें वजीरबाद जामा मस्जिद के इमाम मुफ्ती मौलाना जाहिद हसन ने जानकारी देते हुए कहा कि बकरी ईद पर जिस जानवर की कुर्बानी दी जाती है उसकी उम्र एक वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए. कमजोर, बीमार या लंगड़े जानवर की कुर्बानी देने से बचना चाहिए. कुर्बानी के जानवर की आंख, कान, पांव और सींघ सही सलामत होने चाहिए. बकरी ईद के मौके पर हर मुसलमान जानवर की कुर्बानी देता है.


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कुर्बानी का हथियार खुले में न रखें


उन्होंने आगे कहा कि कुर्बानी में इस्तेमाल होने वाले हथियार जैसे कि छुरा या चाकू खुले में न रखें. सार्वजनिक रूप से कुर्बानी करने से बचें. इस्लाम धर्म में कुर्बानी के लिए ईद का दिन सबसे अच्छा माना गया है. यदि आप किसी वजह से ईद पर कुर्बानी नहीं दे पा रहे हैं तो तीन दिन बाद तक कुर्बानी दी जा सकती है. बकरीद के दिन खास तौर पर साफ-सफाई व स्वच्छता का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाए ताकि आसपास में रहने वाले लोगों को कुर्बानी के बाद निकले अवशेषों से परेशानियों का सामना न करना पड़े.


बता दें बकरी ईद का त्यौहार एक परंपरारिक त्यौहार है. बकरी ईद से पहले अपने घरों में कुर्बानी के बकरे व अन्य जानवर पाल-पोस कर तैयार करते हैं और बकरीद के दिन कुर्बानी देते हैं. इस्लाम मजहब के लोगों ने अब अन्य मजहब के लोगों को कुर्बानी से किसी प्रकार की कोई आपत्ति या किसी परेशानी का सामना न करना पड़े. उसको लेकर खुले में या सड़कों के ऊपर कुर्बानियां करना तकरीबन बंद कर दिया है और अब बकरीद पर कुर्बानी ज्यादातर पर्दे में ही की जाती है.


(इनपुटः नसीम अहमद)