Basant Panchami 2024: हिंदू धर्म के अनुसार, हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है. बसंत पंचमी के साथ ही, बसंत ऋतु का भी आरंभ हो जाता है. इसके बाद दूसरे दिन मां सरस्वती की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है. पौराणिक कथा की माने तो इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था.


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कहते हैं कि इस दिन मां सरस्वती की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करने से ज्ञान, बुद्धि का दान मिलता है. अगर आप भी इस बार बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा अर्चना के लिए मूर्ति स्थापित करने वाले हैं, तो इन वास्तु नियमों का जरूर पालन करें. तो चलिए जानते हैं कि इन वास्तु नियमों के बारे में…


मां सरस्वती की प्रतिमा


वास्तु शास्त्र के अनुसार, मां सरस्वती की खड़ी मुद्रा वाली प्रतिमा को घर नहीं लाना चाहिए. कहते हैं कि इससे जीवन में अशुभ फलों की प्राप्ति होती है. इसी के साथ, अगर घर में पहले से मां सरस्वती की कोई खंडित या फिर टूटी है तो उसे तुरंत घर से हटा दें. वास्तु के अनुसार, घर में मां सरस्वती की एक प्रतिमा से ज्यादा नहीं रखनी चाहिए.


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इस दिशा में करें मां सरस्वती स्थापना


वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर आपके घर में बच्चे हैं तो उनके स्टडी वाले कमरे में मां सरस्वती की प्रतिमा की स्थापना करनी चाहिए. अगर घर में ये जगह नहीं है तो ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) की स्थापना कर सकते हैं.


ऐसी होनी चाहिए प्रतिमा


वास्तु शास्त्र के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की प्रतिमा को घर की सही दिशा में स्थापना करने से घर में अच्छी ऊर्जा का प्रवेश होता है और साथ ही हर क्षेत्र में बड़ी सफलता प्राप्त होती है.