Goga Navami 2023: कृष्ण जन्माष्टमी के अगले दिन गोगा नवमी का त्योहार मनाया जाता है. बता दें कि ये त्योहार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है. यह त्योहार मुख्य रूप से राजस्थान में मनाया जाता है. गोगा नवमी के दिन वाल्मिकी समाज के लोग अपने आराध्य गोगादेव जी की पूजा करते हैं.  इस त्योहार को राजस्थान के अलावा मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा में भी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.


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गोगा नवमी का व्रत रखने से दूर होता है सर्प दोष 
बता दें कि नागपंचमी के अलावा भी इस दिन सापों की पूजा की जाती है और ऐसा कहा जाता है कि गोगदेव सर्पों के देवता हैं. इसलिए गोगा नवमी के दिन सापों को पूजा जाता है. ऐसी मान्यता है कि गोगा नवमी का व्रत रखने से सर्प दोष खत्म हो जाता है और साथ ही संतान की इच्छा रखने वालों की मनोकामना पूरी होती है. आइए आपको बताते हैं कि गोगा नवमी पर पूजा करने का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और साथ में बताते हैं कि क्या है गोगा नवमी की कथा.


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गोगा नवमी 2023 पूजा शुभ मुहूर्त (Goga Navami 2023 Muhurat)
भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष नवमी तिथि 7 सितंबर को शाम 04:14 से शुरू होकर अलगे दिन यानी 8 सितंबर को शाम 05:30 पर समाप्त हो जाएगी.
गोगा नवमी की सुबह का मुहूर्त- 7:36 से 10:45
गोगा नवमी दोपहर का मुहूर्त- दोपहर 12:19 से 01:53
गोगा नवमी शाम का मुहूर्त- शाम 05:01 से 06:35


गोगा नवमी पूजा विधि (Goga Navami Puja Vidhi)
- गोगादेव के दिन सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और गोगादेवता के लिए भोग में खीर, चूरमा, पकौड़ी बनाएं.
-  इस दिन महिलाएं मिट्‌टी से गोगा देव की मूर्ति बनाएं और उनकी पूजा करें. बता दें कि कई जगहों पर गोगा देव को घोड़े पर सवार हुई मूर्ति दिखाई जाती है, इसलिए इस दिन घोड़े को चने की दाल जरूर खिलाएं.  
- ऐसा कहा जाता है कि रक्षा बंधन पर राखी या धागा बांधती है तो उसे गोगा नवमी के दिन खोलकर गोगा देव को अर्पित किया जाता है और पूजा की जाती है. 
- साथ ही इस दिन महिलाएं संतान की प्राप्ति के लिए व्रत रखें और पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करें. साथ ही इस दिन पूजा करने से सर्प दोष से मु्क्ति मिल जाती है.