Hanuman Mandir: किष्किंधा में बजरंगबली की सबसे ऊंची प्रतिमा के लिए निकली रथ यात्रा पहुंची दिल्ली, हुआ भव्य स्वागत
Hanuman Birthplace Temple: किष्किंधा में राम भक्त भगवान हनुमान का भव्य मन्दिर बनाने एवं विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित करने के मकसद से 2020 में निकली रथ यात्रा दिल्ली पहुंची है. यह यात्रा 28 राज्यों 752 जिले और लगभग दो लाख किलोमीटर की यात्रा 12 साल यानी 2032 में पूरा होगी. जिससे कि लोगों को ज्यादा से ज्यादा लोग इस अभियान से जुड़े और मन्दिर निर्माण में सहभागी बने.
Delhi News: भगवान हनुमानजी की जन्म स्थली (Lord Hanuman Birth Place) किष्किंधा कर्नाटका (kishkinda) से 2020 मे निकली रथ यात्रा अब दिल्ली के पहुंचने पर विभिन्न हिस्सों में जा रही है. जिसका जगह-जगह लोग स्वागत कर रहे हैं. अरुणा आसफ अली रोड पर प्राचीन शिव मन्दिर के पुजारी पंडित बनकतेश्वर झा ने भी विधि विधान से पूजा पाठ किया और रथ यात्रा का स्वागत किया. वहीं वसंतकुंज में स्थानीय पार्षद जगमोहन महलावत ने स्वागत किया.
हनुमानजी के जन्म स्थली में भव्य मन्दिर बनाने और सबसे ऊंची प्रतिमा लगाने की मांग
भगवान श्रीराम (Shri Ram) के सबसे बड़े भक्त भगवान हनुमान (Lord Hanuman) की जन्म स्थली किष्किंधा कर्नाटका मे है. अब जब भगवान श्रीराम की जन्म स्थली अयोध्या (Shri Ram Birthplace Ayodhya) में उनका भव्य राम मन्दिर बन रहा है तो उनके सबसे बड़े भक्त भगवान हनुमानजी के जन्म स्थली पर उनका भव्य मन्दिर बनाने एवं विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा लगाने की मांग शुरू हो गई है.
मांग को लेकर 2020 से शुरू हुई यात्रा 2032 में होगी समाप्त
जिसके लिए किष्किंधा कर्नाटका से साल 2020 में एक ट्रक को रथ का आकार देकर रथ यात्रा निकली है. जो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक जाएगी. ये यात्रा 28 राज्यों 752 जिले और लगभग दो लाख किलोमीटर की यात्रा 12 साल यानी 2032 में पूरा होगी. किशकिंधा में भव्य मन्दिर के साथ-साथ हनुमानजी की 705 फीट की प्रतिमा होगी जो विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित करने के लक्ष्य को लेकर गोविंदानंद सरस्वती के नेतृत्व में ये रथ यात्रा निकली है.
दिल्ली में पहुंची भव्य रथ यात्रा 30 सितंबर तक विभिन्न इलाकों और मंदिरों में जाएगी
बता दें कि ये रथ यात्रा विभिन्न राज्यों से होते हुए 4 अगस्त को दिल्ली पहुंची थी जो 30 सितंबर तक दिल्ली के विभिन्न इलाकों और विभिन्न मंदिरों में जाएगी. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस अभियान से जुड़े और मन्दिर निर्माण में सहभागी बने.
Input: मुकेश सिंह