Jaya Parvati Vrat 2023: हिंदू धर्म में आषाढ़ मास में पड़ने वाले जया पार्वती व्रत का विशेष महत्व माना गया है. यह व्रत भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित होता है. महिलाएं परिवार की समृद्धि, शांति और कल्याण के लिए इस व्रत को रखती है. इसी के साथ ही मनचाया वर पाने के लिए कुंवारी कन्याएं भी इस व्रत को रख सकती है. यह व्रत पूरे 5 दिन तक रखता जाता है. इस बार ये व्रत 1 जुलाई, 2023 से शुरू हो रहा है. तो चलिए जानते हैं कि जया पार्वती व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा करने की सही विधि और सभी खास बातें...


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जया पार्वती व्रत


ज्योतिषों के अनुसार, जया पार्वती व्रत हर साल जुलाई और अगस्त के महीने में रखा जाता है. यह व्रत आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि से शुरू होता होता है, जो श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को समाप्त होता है.


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जया पार्वती व्रत का शुभ मुहूर्त


आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि आरंभः- 1 जुलाई को सुबह 1 बजकर 17 मिनट से शुरू होगा.


आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि समाप्तः- 1 जुलाई को रात 11 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा.  


प्रदोष पूजा का मुहूर्तः- 1 जुलाई को शाम को 7 बजकर 23 मिनट से शुरू होकर रात 9 बजकर 24 मिनट पर शुभ मुहूर्त होगा.


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जया पार्वती व्रत समापन तिथि


जया पार्वती व्रत समाप्तः- 6 जुलाई, 2023 गुरुवार को समाप्त होगा.


जया पार्वती व्रत जागरणः- 5 जुलाई, 2023 बुधवार को जागरण होगा.


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जया पार्वती व्रत का महत्व


पौराणिक कथा के अनुसार, जया पार्वती व्रत की महिमा प्राचीन काल से चली आ रही है. कहते हैं कि एक ब्राह्मण महिला ने अपने सुहाग के जीवन को बचाने के लिए व्रत रखा था. विवाहित महिला इस व्रत को रखकर पूरे सच्चे मन से विधिवता पूजा कर सकती हैं, ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में खुशियां आएगी. इसी के साथ बच्चों के स्वास्थ्य और भविष्य का आशीर्वाद मिलता है. इस व्रत को 5 या फिर सा साल तक रखा जाता है. इसके बाद ही उद्यापन किया जाता है. यह व्रत विवाहित और अविवाहित दोनों महिलाएं रखती हैं. इस व्रत को रखने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा पति प्राप्त होता है.


जया पार्वती व्रत पूजा विधि


जया पार्वती व्रत वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर के सारे काम करें और इसके बाद स्नान करें.


इसके बाद मां पार्वती की पूरे मन से पूजा करें और व्रत का संकल्प लें.


इसके बाद एक चौकी लें उसपर लाल कपड़ा बिछाकर शिव-पार्वती की मूर्ति की स्थापना करें.


इसके बाद शुभ मुहूर्त में पूजा शुरू करें और इसके बाद सबसे अर्पित करें.


इसके बाद फूल, माला, सिंदूर, शिव जी को सफेद चंदन, कुमकुम, रोली, अष्टगंध आदि अर्पित करें.


इसके बाद फल, नारियल, मिठाई का भोग लगाएं.


अब विधिवत तरीके से पूजन करें.


इसके बाद घी का दीपक और धूप जला लें और मां पार्वती का स्मरण करते हुए स्तुति कर लें.


इसके बाद जया पार्वती की कथा सुने और आरती करें.


बिना नमक, अनाज खाएं लगातार व्रत रखें. इसके बाद मुहूर्त में व्रत का पारण कर दें.