Raksha Bandhan Celebration: रक्षाबंधन का पर्व आज रात मुहूर्त अनुसार बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाना है. मान्यता है कि विश्वभर में सबसे पहले दक्षिण मुखी श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के धाम में हर एक पर्व को मनाया जाता है. पर्व के दिन सुबह 4 बजे भस्म आरती के दौरान भगवान महाकाल को पुजारी परिवार की महिलाओं ने परंपरा अनुसार राखी बांधी. पुजारी परिवार की ओर से सवा लाख लड्डुओं का भोग भगवान को लगाया गया व भक्तो में प्रसाद वितरित भी किया गया. 


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वही परिसर में इंदौर के राजकमल बैंड की धुन पर भक्त नृत्य करते और आंदिनत नजर आए. वर्षों से चली आ रही इस खास परंपरा में राखी को श्रावन माह में रखे गए उपवास के दौरान मंगल गान गाते हुए पुजारी परिवार की महिलाओं द्वारा बनाया जाता है. भगवान महाकाल को बांधी जाने वाली राखी के दर्शन करने जन्माष्टमी तक श्रद्धालु बड़ी संख्या में मंदिर आते हैं. भगवान महाकाल के लिए राखीयां पुजारी परिवार की और से ही नही देश में अलग-अलग राज्यों व विदेशों से भी भक्त भेजते है. राखी भेजने वाले सभी जजमानों को भी भगवान का लड्डू प्रसादी भेजा जाता है.


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भगवान माहकाल के धाम में सुबह 3 बकडे पट खोले गए, जिसके बाद जलाभिषेक कर पंचामृत पूजन अभिषेक और भस्म अर्पित कर खास श्रृंगार भगवान का किया गया. पुजारी परिवार की महिलाओं ने राखी बांधी सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया गया. पुजारी परिवार की 8 महिलाओं ने मिलकर ये राखी तैयार की है रेशम के धागे, स्पंज, आभूषण, विशेष वस्त्र का उपयोग कर 2 फुट राखी को 10 महीने में मंगल गान गाते हुए तैयार किया गया.


Raksha Bandhan Shubh Muhurat
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में भगवान महाकालेश्वर को राखी बांधने के बाद अब विश्व विख्यात ज्योतिषाचार्य पंडित आनंद शंकर व्यास के अनुसार राखी का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त की रात 08:50 के बाद है 30 अगस्त से है. वहीं 30 अगस्त को सुबह 10:00 बजे से रात 08:50 तक भद्रा का असर रहेगा जो कि अशुभ माना जाता है. सुबह 10:00 बजे से पहले भी राखी बांधना चौदस के कारण उचित नहीं है ना ही 31 अगस्त को राखी बांध


Input: राहुल सिंह राठौड़