Somvar Vrat: हरियाणा के इन प्राचीन मंदिरों में पहुंचे श्रद्धालु, जानें पहले सोमवार व्रत रखने का महत्व
Sawan Somvar Vrat: आज सावन का पहला सोमवार है. भिवानी और नूंह के शिव मंदिर में भक्तों का तांता लगा. जहां श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए पहुंच रहे हैं. आए आपको बतातें है कि इस दिन व्रत रखने का क्या महत्व है.
Sawan Somvar 2023: हरियाणा: आज सावन का पहला सोमवार है. भिवानी शहर जो छोटी काशी के नाम से प्रशिद्ध है, जिसमे छोटे -बड़े करीब 400 से अधिक मंदि हैं. आज सभी मंदिरों में श्रावण माह के पहले सोमवार पर भगवान शिव की पूजा अर्चना की गई. इस अवसर पर संत-महात्माओं, मन्दिरों के पुजारियों व व्रत धारियों ने भगवान शिव की पूजा अर्चना की और शिवलिंग पर गंगाजल व बेल पत्र चढ़ाकर शिव की आराधना की.
सावन के पहले सोमवार को की पूजा (Sawan Samvar 2023 Puja)
गौरतलब है कि शिवजी का प्रिय माह सावन शुरू हो गया था. इस माह में आने वाले सभी सोमवार का विशेष महत्व रहता है. आज पहला सोमवार है. शिवरात्रि के दिन हरिद्वार से लाखों श्रद्धालु कावड़ व गंगाजल लेकर आते हैं और अनेक मंदिरों में शिवलिंग पर चढ़ाते हैं. यहां महन्त ने बताया कि सावन माह का सोमवार शिवजी के पूजन के लिए श्रेष्ठ दिन माना गया है. वैसे तो पूरे सावन में ही शिवजी की अराधना की जाती है, लेकिन इस माह के सोमवार का महत्व अधिक रहता है. जिन लोगों के पास पूरे माह शिवजी की पूजा का समय नहीं है, वे केवल सोमवार को की गई पूजा से शिव कृपा पा सकते हैं. आज व्रत धारियों ने पहले सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना व गंगाजल अभिषेक किया है.
सावन के पहले सोमवार व्रत का महत्व (Sawan Samvar Vrat Importance)
शिवरात्रि के लिए आज से भगत तैयारी में जुट जाते हैं. सोमवार की पूजा का भी बड़ा महत्व है. सावन माह के सोमवार का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सौभाग्य के लिए करती हैं. कुंवारी कन्याएं श्रेष्ठ पति की प्राप्ति के लिए ये व्रत करती हैं. इस माह में शिवजी की प्रसन्नता के लिए लघुरुद्र, महारुद्र, अतिरुद्र पाठ कराना चाहिए, हर सोमवार को व्रत करना चाहिए.. सावन माह में शिव महापुराण का पाठ करना और श्रवण करना शुभ माना गया है. ये व्रत सभी कामानाओं को पूरा करने वाला होता है. सोमवार को वस्त्रों का दान करना चाहिए. इस दिन अन्न दान करने की भी परंपरा है.
पांडव कालीन प्राचीन नलेश्वर शिव मंदिर में भक्तों का तांता (Ancient Naleshwar Shiva Temple of Pandava Period)
वहीं इस दिन नूंह के पांडव कालीन प्राचीन नलेश्वर शिव मंदिर में भोले के भक्तों का तांता लगा रहा. श्रद्घालुओं में शिवलिंग पर दूध, फल-फूल, धतूरा, बेलपत्र, घी, दही, जल आदि से अभिषेक कर भोले की पूजा अर्चना की. पूरे नलेश्वर मंदिर कि बड़े ही भव्य सजावट की गई थी. भोले के भक्तों ने शिवलिंग पर जलाभिषेक कर क्षेत्र की खुशहाली की मनोकामना की.
INPUT: ANIL MOHANIA, NAVEEN SHARMA