Kanya puja 2023: नवरात्रि में कन्या पूजन के दौरान रखें इन नियमों का ध्यान, मातारानी देंगी `9 वरदान`
Navratri 2023 Kanya Puja: नवरात्रि में कन्या भोजन कराने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है, अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है.
Navratri 2023 Kanya Puja: आज शारदीय नवरात्रि का छठा दिन है, नवरात्रि के 9 दिनों में मां के 9 अलग-अलग स्वरूपों के पूजन का विधान है. इसके साथ ही नवरात्रि में कन्या पूजन का भी विशेष महत्व माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि में कन्या भोजन कराने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है. अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. जानते हैं नवरात्रि में कितनी कन्याओं को पूजन कराना चाहिए और इसमें एक बालक का होना क्यों जरूरी होता है.
कन्या पूजन 2023
नवरात्रि के सभी 9 दिनों में कन्या पूजन किया जाता है. हालांकि, ज्यादातर लोग अष्टमी और नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन कराते हैं. शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि 22 अक्टूबर और नवमी तिथि 23 अक्टूबर को है. इस दिन आप कन्या पूजन करा सकते हैं. 9 दिनों तक व्रत करने वाले लोग कन्या पूजन के बाद प्रसाद ग्रहण कर व्रत खत्म करते हैं.
कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त
अष्टमी तिथि- अष्टमी तिथि के दिन सुबह 06 बजकर 26 मिनट से शाम 06 बजकर 44 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग है. ऐसे में आप सुबह 06 बजकर 26 मिनट से कन्या पूजन कर सकते हैं.
महानवमी- नवमी तिथि के दिन सुबह 06 बजकर 27 मिनट से शाम 05 बजकर 14 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग है, साथ ही पूरा दिन रवि योग है. ऐसे में आप सुबह 06 बजकर 27 मिनट के बाद कन्या भोजन करा सकते हैं.
कन्याओं को आमंत्रित करें
कन्या पूजन से एक दिन पहले कन्याओं के घर जाकर उन्हें कन्या भोज के लिए आमंत्रित करना चाहिए.
कन्या पूजन
कन्या को घर के अंदर लाते समय मां के जयकारे लगाएं. इसके बाद उन्हें साफ आसन पर बिठाकर थाल में पैर रखकर पानी और दूध से उनके पैर धुलने चाहिए. इसके बाद उस पानी को अपने माथे पर लगाएं. फिर कन्याओं के माथे पर कुमकुम लगाएं, अक्षत और फूल अर्पित करें. अब कन्याओं को उनकी इच्छानुसार भोजन कराएं. भोजन के बाद कन्याओं का पैर छूकर अपने सामर्थ के अनुसार दक्षिणा दें.
9 कन्याओं का पूजन
नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 रुपों के पूजन का विधान है, इसलिए 9 कन्याओं को भोजन कराना चाहिए. साथ ही एक बालक को भी भोजन कराना चाहिए. इस बात का ध्यान रखें की कन्याओं की उम्र 10 वर्ष से कम हो.
उम्र के अनुसार कन्या पूजन के फल
- 2 साल की कन्या के पूजन से घर की दरिद्रता दूर होती है.
- 3 साल की कन्या के पूजन से घर में सुख-समृद्धि आती है.
- 4 साल की कन्या के पूजन से परिवार के सभी लोगों का कल्याण होता है.
- 5 साल की कन्या के पूजन से व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिलती है.
- 6 साल की कन्या के पूजन से ज्ञान का आशीर्वाद मिलता है.
- 7 साल की कन्या के पूजन से ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.
- 8 साल की कन्या के पूजन से सभी प्रकार के विवादों में विजय प्राप्त होती है.
- 9 साल की कन्या के पूजन से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
- 10 साल की कन्या के पूजन से सभी बिगड़े काम बनते हैं.
Disclaimer- इस आर्टिकल में दी गई जानकारी और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. ZEE MEDIA इनकी पुष्टि नहीं करता है.