Vishwakarma Jayanti 2024: विश्वकर्मा जयंती हिंदु धर्म के लोगों के लिए एक शुभ अवसर माना जाता है. विश्वकर्मा जयंती माघ महीने के शुक्ल पक्ष के तेरहवें दिन (माघ शुक्ल पक्ष त्रयोदशी) को विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है. इस खास अवसर पर देशभर के लोग अपने कार्यस्थलों, चाहे वो कारखाना हो, दुकानें या अन्य प्रतिष्ठान हों इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं, जिन्हें ब्रह्मांड का पहला वास्तुकार या इंजीनियर माना जाता है.


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पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा के जन्म का पूरा श्रेय माघ महीने की त्रयोदशी को दिया जाता है. भगवान विश्वकर्मा को महादेव का त्रिशूल, सुदर्शन चक्र और कई अन्य दिव्य हथियार को बनाने का कारक माना जाता है. तो चलिए जानते हैं कि इस बार विश्वक्रर्मा जयंती, किस मनाई जाएगी, पूजा विधि और क्या है इसका महत्व.


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विश्वकर्मा जयंती 2024 कब है


ज्योतिष के अनुसार, इस साल माघ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 21 फरवरी, 2024 को आरंभ होगी और 22 फरवरी को समाप्त होगा. उदयातिथि के अनुसार, 22 फरवरी गुरुवार यानी की आज विश्वकर्मा जयंती का शुभ त्योहार मनाया जाएगा.


विश्वकर्मा जयंती का महत्व


हिंदू धर्म के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा की पूजा का काफी महत्व माना गया है. यह त्योहार इंजीनियर,  कारीगर, मजदूर, कारखाने के श्रमिकों, बढ़ई, वास्तुकारों और मूर्तिकारों के जगत से जुड़न वाले लोगों के लिए काफी खास माना जाता है. इस खास दिन पर यह लोग भगवान विश्वकर्मा की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना करते हैं. ऐसे करने से भगवान विश्वकर्मा अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं. ऐसे में भक्तों को व्यापार और कार्यक्षेत्र में बड़ी सफलता मिलती है.


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विश्वकर्मा जयंती अनुष्ठान


अगर आप इस साल विश्वकर्मा जयंती की पूजा का विचार बना रहे हैं तो सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले स्नान करें, लेकिन स्नान करने से पहले घर की साफ-सफाई करना न भूले. स्नान करने के बाद साफ कपड़ों का धारण करें. इसके बाद, जिस भी जगह घर, फैक्ट्री, दुकान पर आपको भगवान विश्वकर्मा की पूजा करनी है, उस जगह की साफ-सफाई कर लें. इसके बाद पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें. इसके बाद पूजा के स्थान पर रंगोली बनाएं और इसके बाद भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति की स्थापना करें.


इसके बाद देसी घी का दीपक जलाएं और भगवान विश्वकर्मा को फूल चढ़ाएं. भगवान विश्वकर्मा के सामने हाथ जोड़कर इस मंत्र का जाप करें... 'ओम आधार शक्तपे नम:', 'ओम कूमयि नम:' और 'ओम अनंतम नम:' इस मंत्र के जाप के बाद व्यापार से जुड़े उपकरणों, मशीनरी और स्पेयर पार्ट्स की पूजा करना न भूलें.