नई दिल्ली: प्रदूषण के मामले में दिल्ली सरकार अब एक्शन मोड में नजर आ रही है. दिल्ली में दौड़ने वाले सभी वाहनों के लिए PUC सर्टिफिकेट होना अनिवार्य है. बिना PUC सर्टिफिकेट के वाहन चलाने पर अब दिल्ली सरकार ऑनलाइन चालान भेज सकती है. जिसमें 10 हजार रुपये तक का चालान और 6 महीने की जेल हो सकती है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

PUC सर्टिफिकेट
PUC का फुल फॉर्म Pollution Under Control है,  किसी भी वाहन की जांच के बाद उसे पीयूसी सर्टिफिकेट दिया जाता है.  इसमें गाड़ी से निकलने वाले कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड जैसे विभिन्न प्रदूषकों के आंकड़ों की जांच की जाती है. BS4 गाड़ियों के लिए PUC सर्टिफिकेट एक साल तक और अन्य गाड़ियों के लिए तीन महीने तक ही मान्य होता है. नया प्रदूषण सर्टिफिकेट (Pollution Certificate) प्राप्त करने के लिए 30 से 100 रुपये खर्च करने पड़ते हैं.


973 प्रदूषण जांच केंद्र
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के द्वारा 973 प्रदूषण जांच केंद्र बनाए गए हैं. ये केंद्र प्रदूषण जांच सुविधाएं संचालित करते हैं और ये निर्धारित करते हैं कि वाहन प्रदूषण मानकों का पालन करता है या नहीं. जांच के बाद वाहनों को PUC सर्टिफिकेट दिया जाता है. 


1 करोड़ से ज्यादा वाहन हैं रजिस्टर्ड
राजधानी दिल्ली में 1 करोड़ से ज्यादा वाहन रजिस्टर्ड हैं, जिसमें लगभग 75 लाख वाहन हर दिन सड़क पर चलते हैं. 17 लाख से ज्यादा वाहन बिना वैध PUC सर्टिफेकेट के चल रहे हैं, जिसमें लगभग 13 लाख दोपहिया और तीन लाख पैसेंजर कारें शामिल हैं.  


ऑनलाइन चालान भेजने की तैयारी
वैध प्रदूषण सर्टिफिकेट के बिना गाड़ी चलाने वाले वाहन मालिकों को अब दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग ऑनलाइन नोटिस भेज सकता है. जिनके पास वैध पीयूसी प्रमाण पत्र नहीं हैं उनकी लिस्ट तैयार करके चालान भेजा जाएगा. अगर आपके पास भी PUC सर्टिफिकेट नहीं है, तो जल्दी बनवा लें वरना 10 हजार रुपये का जुर्माना और 6 महीने की जेल हो सकती है. इसके अलावा 3 महीने तक के लिए आपका ड्राइविंग लाइसेंस भी निरस्त किया जा सकता है. 


Watch Live TV