Dusshera Shastra Puja: दशहरे या विजयादशमी का हिंदु धर्म में बहुत महत्व होता है. दशहरे पर राम के साथ शस्त्रों की भी पूजा करने का विधान है. राजा-महाराजाओं ने इस पर्व की शुरुआत की थी, जो कि आज तक चली आ रही है. ऐसा कहा जाता है कि दशहरे पर शस्त्रों की पूजा पूरे विधि पूर्वक करने से वरदान की प्राप्ती होती है. जिससे पूरे साल तक शत्रु हमारा बाल भी बांका नहीं कर सकता है. इस दिन आम लोगों के साथ भारतीय सेना भी विशेष तौर पर हथियारों की पूजा करती है. आइए जानते हैं कि किस तरह होती है शस्त्रों की पूजा, जानते हैं पूरी विधि और अहम जानकारी.


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शस्त्र पूजा शुभ मुहूर्त 
दशहरे के दिन पुलिस, सेना या इस क्षेत्र से जुड़े लोग अपने शास्त्रों की खास तरह से पूजा करते हैं. इस साल दशहरे के दिन शस्त्रों की पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त दिन के 2 बजे से शुरू होकर 2:30 बजे तक रहेगा. ऐसा माना जाता है कि इस मुहूर्त पर विधि-विधान के साथ पूजा करने से जीवन में हर तरह की जीत हासिल होती है. 


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शस्त्र पूजा की विधि
-दशहरे के दिन शस्त्रों की पूजा करने के लिए सबसे पहले स्नान कर लें. उसके बाद एक चौकी पर साफ कपड़ा बिछाएं. 
-इसके बाद शस्त्रों को साफ करके उनपर गंगाजल छिड़क लें. 
-फिर शस्त्रों पर कुमकुम, चंदन, चावल, फूल, दिया जलाकर विधि-विधान के साथ पूजा करें. 
-पूजा करते समय भगवान राम और मां काली के मंत्रों का जाप करना न भूलें. 
- पूजा के बाज बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लें. 
-फिर शाम को शस्त्रों की पूजा के बाद रावण दहन किया जाता है. 


इन बातों का रखें खास ध्यान 
-शस्त्र पूजा करते समय शस्त्रों को बिल्कुल ध्यान से साफ करें. 


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-शस्त्र पूजा के दौरान छोटे बच्चों को दूर रखें. 
-पूजा के दौरान शस्त्रों के साथ कोई भी खिलवाड़ न करें क्योंकि ऐसा करने से कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है.


मां दुर्गा के जया और विजया रूप की पूजा
विजयादशमी के दिन मां दुर्गा के जया और विजय स्वरूप की पूजा की जाती है. इनकी पूजा करने से जीवन में आने वाली परेशानियों से मुक्ति मिलती है. जया और विजया देवी के आशीर्वाद से हर हर काम में सफलता मिलती है.