Election Commission: कैथल जिले में चुनाव आयोग की वेबसाइट को हैक या शरारत करने का मामला सामने आया है, जिसमें आम आदमी पार्टी के द्वारा रैली के आयोजन के लिए जिला प्रशासन से अनुमति मांगी थी, जिसके आवेदन को रिजेक्ट करके उसपर गलत भाषा का इस्तेमाल किया गया. इसके साथ ही दूसरे सर्टिफिकेट पर हीरोइन की फोटो लगाकर आवेदन को रद्द कर दिया गया, जिला प्रशासन के संज्ञान में मामला आने के बाद एआरओ ब्रह्म प्रकाश ने तुरंत प्रभाव से पांच कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है.


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उन्होंने इस पूरे मामले की जांच करने के लिए पुलिस को पत्र लिखा है. लोकसभा चुनाव में आचार संहिता का पालन करते हुए सभी राजनीतिक दलों को कोई भी रैली या सभा का आयोजन करने से पहले जिला प्रशासन से इसकी ऑनलाइन अनुमति लेनी होती है. इसके लिए चुनाव आयोग ने ECore वेबसाइट भी लॉन्च की हुई है, जिसके माध्यम से यह पूरी प्रक्रिया चलेगी. चुनाव के मद्देनजर अभी दो दिन पहले ही जिला प्रशासन द्वारा कर्मचारियों को इसकी ट्रेनिंग भी दी गई थी.


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बताया जा रहा है कि यह पासवर्ड कार्यालय के ही किसी कर्मचारी ने बाहर शेयर किया है या फिर उसने ही ये गलत हरकत की है. वहीं, मामले के बारे में जानकारी देते हुए एआरओ ब्रह्म प्रकाश ने कहा कि यह मामला जब उनके संज्ञान में आया तो वीडियो प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा कि इस बार चुनाव में प्रत्याशियों को कार्यक्रम की परमिशन पोर्टल के माध्यम से लेनी थी और पहली बार इस तरह की परमिशन के लिए आवेदन आया था, जिसको हमने ट्रेनिंग के हिस्से के तौर पर रखा और सबको इस बारे इस आवेदन के माध्यम से ट्रेनिंग भी दी गई.


उन्होंने बताया कि ट्रेनिंग के रूप में मेरी यूजर आईडी इस्तेमाल की गई थी तो मैं सुबह आकर देखा कि मेरी यूजर आईडी अर्थात ऑफिस की यूजर आईडी से परमिशन रद्द कर दी गई है और उसे पर असंसदीय व अभद्र टिप्पणी लिखी हुई है. मैं इसका संज्ञान लिया और इस पर कार्रवाई के लिए कैथल एसपी को इसकी शिकायत दी और अपने उच्चतम अधिकारियों के संज्ञान में यह शिकायत लाई गई. कार्यालय के जो लोग भी इस आवेदन की प्रक्रिया में सम्मिलित थे या जिनके पास यह पासवर्ड हो सकता था. उन्हें तुरंत निलंबित कर दिया गया है. अब यह जांच का विषय है.


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डीईओ को इसका जांच अधिकारी बना दिया गया है. उसे पर जो भी तथ्य है सामने आएंगे और इसके अलावा साइबर क्राइम को भी इसकी शिकायत दे दी गई है. जांच में जो भी सही दोषी पाया गया उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. अब आम आदमी पार्टी ने जो कार्यक्रम की परमिशन मांगी थी वह उन्हें दे दी गई है.


जानें, क्या है पूरा मामला


हरियाणा में शुक्रवार को चुनाव आयोग की एक शर्मनाक हरकत देखने को मिली है, जिसकी देशभर में आलोचना हो रही है. आम आदमी पार्टी ने कैथल में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी थी, जिसके जवाब में चुनाव आयोग की ओर से उसे नामंजूर तो किया गया, लेकिन एक शर्मनाक गाली के साथ. आम आदमी पार्टी ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए चुनाव आयोग को भाजपा का पप्पू करार दिया है.


दरअसल, आम आदमी पार्टी कुरूक्षेत्र के कैथल जिले में अपने 2 सार्वजनिक कार्यक्रमों को आयोजित करने से पहले चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन इजाजत मांगी थी. दोनों कार्यक्रमों की अनुमति देने से आयोग ने इंकार कर दिया. पहली परमिशन के जवाब में वजह बताते हुए सीधा लिखा "को न देंदे" जिसका हिंदी अनुवाद है नहीं देंगे, लेकिन दूसरी अनुमति को खारिज करते हुए जो जवाब आया वह हैरान कर देने वाला तो है ही लेकिन शर्मनाक भी है. क्योंकि, इस परमिशन को खारिज करते हुए चुनाव आयोग की तरफ से वजह में एक शर्मनाक गाली लिखी गई थी. यह गाली इतनी शर्मनाक है इस गाली को हम आपको पढ़कर भी नहीं सुना सकते.


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आम आदमी पार्टी के कुरूक्षेत्र से लोकसभा प्रत्याशी व हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने मामले की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि हरियाणा में चुनाव आयोग भाजपा का पप्पू बन कर रह गया है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या इस देश में निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकता? चुनाव आयोग ये जान ले कि देश के लोकतंत्र को कमजोर न समझे. उन्होंने मांग की है कि चुनाव आयोग जल्दी इस मामले की पूरी जांच हो और जिम्मेदार अधिकारियों पर जरूरी कार्रवाई की जाए. देश में चुनाव आयोग की ओर से इस तरह का जवाब किसी भी पार्टी को मिलना हैरान कर देने वाला वाक्या है. देखना यह होगा कि चुनाव आयोग इस मामले पर क्या कार्रवाई अमल में लाता है.