फरीदाबाद: एक तरफ हरियाणा सरकार एक छत के नीचे सारी सुविधा मुहैया कराने की बात करती है तो वहीं दूसरी तरफ लोग प्रॉपर्टी आईडी को लेकर जी न्यूज़ की पड़ताल में परेशान बेबस लाचार नजर आते दिखाई दिए. जी मीडिया ने ग्राउंड जीरो पर जाकर लोगों से बात की तो लोगों ने बताया कि प्रॉपर्टी आईडी को लेकर काफी समय से लोग परेशान हैं. 


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हरियाणा में प्रॉपर्टी आईडी का काम लगातार लंबे समय से चल रहा है, लेकिन व्यवस्था सही नहीं होने के चलते अब यही प्रॉपर्टी आईडी लोगों के जी का जंजाल बन रही हैं. लोगों को अपने रोजमर्रा के कामों को छोड़कर घंटे लाइन में लगना पड़ता है लोगों को लंबी-लंबी लाइनों में लगना पड़ता है क्योंकि व्यवस्थाएं बेहतर नहीं है और जल्द ही प्रशासन के द्वारा इन व्यवस्थाओं को दुरुस्त नहीं किया गया तो सरकार के सुशासन पर सवाल खड़ा हो सकता है.


बता दें कि बल्लभगढ़ के नगर निगम कार्यालय परिसर में अटल सेवा केंद्र चलाने वाली रितु सिंगला ने बताया कि 2 साल पहले सरकार ने प्रॉपर्टी आईडी बनाने का काम शुरू किया था तब अच्छी सोच के साथ शुरुआत की गई थी. जिससे कि लोगों को बार-बार अपनी प्रॉपर्टी के काम के लिए कार्यालय के चक्कर न लगाने पड़े. जमीन का मालिक अपनी प्रॉपर्टी आईडी के जरिये लिंक खोलकर कभी भी अपनी जमीन के बारे में सारी जानकारी ले सकता है.


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दिनेश कुमार ने मुख्य कार्यालय नगर निगम प्रॉपर्टी आईडी की लंबी लंबी लाइनों होने के कारण पर जवाब देते हुए बताते हैं कि हमने याशी नामक कंपनी को सर्वे का टेंडर दिया था उन्होंने सारी आईडी बनवा दी हैं. नई आईडी बनवाने के लिए आवेदन करने के बाद 15 दिन में काम पूरा किए जाने का समय निश्चय किया गया है.


सर्वे करने वाली कंपनी यशी के बारे में दिनेश कुमार ने यह भी बताया कि कंपनी ने सर्वे करने का जो तरीका अपनाया था उसमें कोई ऐसी कमी रह गई, जिसकी वजह से प्रॉपर्टी आईडी बनाने में कई गलतियां की गई. ड्रोन सर्वे करते हुए कई गलतियां की गई. जिसके कारण प्लॉट के साइज में फर्क आ गया और उस समय कंपनी द्वारा सर्वे में की गई यह लापरवाहियां अब लोगों की परेशानी का कारण बन रही है.


अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि सरकार ने प्रॉपर्टी आईडी बनाने का काम तो शुरू कर दिया, लेकिन अभी तक व्यवस्थाओं को दुरुस्त नहीं किया गया. सर्वे करने वाली प्राइवेट कंपनी की गलतियों का खामियाजा जनता भुगत रही है. इस कारण लोगों को बेवजह परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अब देखना होगा कि दूसरे की गलती का खामियाजा भुगत रही जनता के दर्द का समाधान सरकार या सरकार के सरकारी बाबू कितना जल्दी और कब तक कर पाते हैं . 


Input: अमित चौधरी