Farmers Protest: कल नोएडा पुलिस कमिश्नर कार्यालय के बाहर किसान करेंगे प्रदर्शन, जानें क्या है इनकी मांग
Farmers Protest News: भारतीय किसान परिषद जिसने दिसंबर 2023 और फरवरी 2024 के बीच नोएडा प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (NTPC), दादरी के खिलाफ एक बड़े विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया. BKP ने गुरुवार को अपने समर्थकों से पुलिस आयुक्त के कार्यालय के बाहर इकट्ठा होने के लिए कहा है.
Noida Farmers Protest News: किसानों के एक समूह ने स्थानीय अधिकारियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान उनके खिलाफ हुए पुलिस मामले वापस न लिए जाने को लेकर एक ऐला किया है. गुरुवार को किसान नोएडा में पुलिस कमिश्नर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने का आह्वान किया है.
भारतीय किसान परिषद (Bharatiya Kisan Parishad- BKP) जिसने दिसंबर 2023 और फरवरी 2024 के बीच नोएडा प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (NTPC), दादरी के खिलाफ एक बड़े विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया. BKP ने गुरुवार को अपने समर्थकों से सेक्टर 108 में पुलिस आयुक्त के कार्यालय के बाहर इकट्ठा होने के लिए कहा है.
भारतीय किसान परिषद (बीकेपी) ने पूछा, अधिकारियों और एनटीपीसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को लेकर 2021 और 2024 के बीच दर्ज की गई एफआईआर के संबंध में प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ आरोप पत्र दायर करके पुलिस क्या साबित करना चाहती है.
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बीकेपी अध्यक्ष सुखबीर यादव 'खलीफा' ने कहा कि किसान अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं और हाल ही में इस आश्वासन पर विरोध समाप्त करने के लिए एक समझौता हुआ था कि किसानों के खिलाफ मामले वापस ले लिए जाएंगे. पुलिस, सांसद और विधायक ने इसी तर्ज पर 2021 में हस्तक्षेप किया था, इसी तरह 2022 और 2023 में और अब 2024 में भी किया गया. पुलिस ने कहा कि मामले वापस ले लिए जाएंगे. जब विरोध टाल दिया गया, तो उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया.
किसान नेता ने कहा कि कल हम पुलिस कमिश्नर से पूछेंगे कि जब किसानों ने अपना वादा निभाया है तो पुलिस अपनी बात से क्यों पीछे हट गई है. अगर हमें संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो हम अपने अगले कदम पर फैसला करेंगे.
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 200 से अधिक गांवों के किसानों ने दिसंबर 2023 और फरवरी 2024 के बीच स्थानीय अधिकारियों और एनटीपीसी द्वारा अतीत में अधिग्रहीत उनकी भूमि के बदले में बढ़े हुए मुआवजे और विकसित भूखंडों की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया.