Fatehabad News: पराली जलाने पर ग्राम सचिवों पर कार्रवाई मामले में ग्राम सचिव डीसी से मिले, वहीं नोटिसों को गलत बताया है. प्रदेश में 4 हजार की पोस्टों पर 1300 ग्राम सचिव काम कर रहे हैं. औषतान 4 से 5 पंचायतों पर 1 ग्राम सचिव काम कर रहा है, ग्राम सचिवों का आरोप  है कि प्रशासन अपनी कमियों को छुपाने के लिए ग्राम सचिवों को टारगेट किया जा रहा है. ग्राम सचिवों ने कहा कृषि विभाग समय रहते प्रबंधन करता तो पराली जलती नहीं. ग्राम सचिवों ने कहा तानाशाही पूर्ण तरीके से ग्राम सचिवों को चार्जशीट किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों में काम करना मुश्किल है. इस प्रकार की कार्रवाई हुई तो ठोस निर्णय लेंगे.


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जिलेभर के ग्राम सचिव आज डीसी से मिलने लघु सचिवालय पहुंचे. ग्राम सचिवों ने डीसी से मिलकर उनके खिलाफ की जा रही प्रशासनिक कार्रवाई को गलत ठहराया है. दरअसल जिले में पराली जलाए जाने से रोकने में विफल रहने पर जिला प्रशासन द्वारा विलेज लेवल मॉनिटरिंग टीमों के सदस्यों को नोटिस जारी किए जा रहे हें और कुछ मामलों में चार्ज शीट भी किया गया है.


इन टीमों में ग्राम सचिव भी शामिल हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है. लघु सचिवालय के पार्क में एकत्र हुए ग्राम सचिवों ने एक सुर में प्रशासन द्वारा उनके विरुद्ध की जा रही कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं और उसे गलत बताया है. साथ ही पराली जलने के पीछे कृषि विभाग को जिम्मेदार ठहराया है.


ग्राम सचिवों ने स्पष्ट किया है कि अगर इसी तरह उन पर कार्रवाई होती रही तो उन्हें मजबूर कोई ठोस कदम उठाना पड़ेगा. लघु सचिवालय में एकत्र हुए ने बताया कि पूरे प्रदेश में 4 हजार ग्राम सचिवों की आवश्यकता है, जबकि मौजूदा समय में केवल 1300 ग्राम सचिव ही काम कर रहे हैं. औसतन एक ग्राम सचिव के पास 4 से 5 गांव का काम है. बावजूद इसके वे अपने काम पूरी निष्ठा से कर रहे हैं. 


उन्होंने कहा कि मगर प्रशासन उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहा है, जो पूरी तरह से तानाशाही है और गलत है. ग्राम सचिवों ने कृषि विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर कृषि विभाग के अधिकारी समय पर पराली प्रबंधन पर काम करते तो यह स्थिति नहीं बनती. उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा गांवों में समय पर मशीनें बेलर ही उपलब्ध नहीं करवाए, जिस कारण किसान पराली जला रहे हैं. ग्राम सचिवों ने साफ तौर पर कहा है कि अगर उन पर कार्रवाई इसी प्रकार से जारी रही तो मजबूरन उन्हें कोई ठोस कदम उठाना पड़ेगा.


Input: Ajay Mehta