नई दिल्ली: आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में देश में 'आजादी का अमृत महोत्सव' पर्व मनाया जा रहा है, जिसके तहत समूचे देश में अलग-अलग तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इसी के तहत 'हर घर तिरंगा' अभियान की शुरुआत भी की गई है और केन्द्र सरकार नें ध्वज संहिता के नियमों में भी बदलाव कर दिया है. अब लोग अपने घरों में 24 घंटे ध्वज फहरा सकते हैं.  


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हर घर तिरंगा अभियान 
राष्ट्रीय ध्वज के प्रति अपना सम्मान प्रकट करने आगामी 13 से 15 अगस्त तक सभी लोगों के लिए हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत की गई है, जिसमें सभी लोग अपने घरों में तिरंगा लहराएंगे.


भारतीय झंडा संहिता, 2002 में हुआ संशोधन
राष्ट्रीय ध्वज को फहराना भारतीय झंडा संहिता- 2002 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत आता है, जिसमें संशोधन किया गया है. इसके अनुसार अब देश का कोई भी नागरिक अपने घर में 24 घंटे तिरंगा फहरा सकता है, लेकिन तिरंगा कटा-फटा नहीं होना चाहिए. इससे पहले झंडे को सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की अनुमति थी. 


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इन नियमों में भी हुआ बदलाव
एक अन्य प्रावधान में बदलाव करते हुए कहा गया, 'राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काता और हाथ से बुना हुआ या मशीन से बना होगा. यह कपास/पॉलिएस्टर/ऊन/ रेशमी खादी से बना होगा.'  इससे पहले, मशीन और पॉलिएस्टर से बने राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग की अनुमति नहीं थी. आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित 'हर घर तिरंगा' अभियान के लिए ये सभी बदलाव किए गए हैं. 


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