1740 से दो बार बदला जा चुका है Ghaziabad का नाम, अब योगीराज में इस नाम से जाना जाएगा?
Ghaziabad Name Change: विभिन्न संगठनों को गाजियाबाद नाम पर कड़ी आपत्ति है. ये संगठन लंबे समय से गाजियाबाद का नाम बदलने की मांग कर रहे हैं. कई ने नाम भी सुझाए हैं, जिसमें `हरनंदी नगर` और `दूधेश्वर नगरी` शामिल हैं. `पंच दशनाम जूना अखाड़ा` के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता महंत नारायण गिरी ने सीएम को पत्र सौंपकर गाजियाबाद का नाम `गजप्रस्थ` करने की मांग की है
नई दिल्ली : Ghaziabad Name Change: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में मौजूदा प्राचीन शहरों के नाम बदलने की मांग लगातार बढ़ रही है. अब तक संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj), मुगलसराय (Mughalsarai) समेत कई स्थानों के नाम बदले जा चुके हैं. इसके बाद अब गाजियाबाद (Ghaziabad) का नाम बदलने की आवाज उठने लगी है. विधानसभा चुनाव 2022 से पहले भी यह मांग उठने लगी थी. अब गाजियाबाद के लिए नए नाम प्रस्तावित किए जा रहे हैं, जिसमें जिले का नाम अब 'गजप्रस्थ' करने की मांग ज्यादा जोर पकड़ रही है.
महंत नारायण गिरी बोले, नाम बदलकर हो गजप्रस्थ
बीते रविवार को 'दूधेश्वर नाथ मंदिर' के महंत और 'पंच दशनाम जूना अखाड़ा' के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता महंत नारायण गिरी ने सीएम योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में शिष्टाचार भेंट की थी. इस दौरान उन्होंने सीएम को पत्र सौंपकर गाजियाबाद का नाम 'गजप्रस्थ' करने की मांग की है, जिसके बाद एक बार फिर गाजियाबाद का नाम बदलने की मांग तेज हो गई है.
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आइए आपको बताते हैं गाजियाबाद का नाम बदलने की मांग कब-कब उठ चुकी हैं.
1. साल 2018: नवंबर माह में बीजेपी के राज्यसभा सदस्य डॉ. अनिल अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर गाजियाबाद का नाम बदलकर 'महाराज अग्रसेन नगर' करने की मांग की थी.
2. साल 2021: मार्च माह में साहिबाबाद विधानसभा से बीजेपी विधायक सुनील शर्मा ने विधानसभा सत्र के दौरान गाजियाबाद का नाम बदलने की मांग की थी.
3. गाजियाबाद की 'लोनी विधानसभा' से बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने लोनी का नाम बदलकर 'भगवान परशुराम नगर' करने की मांग की थी. इसका नाम बदलने को लेकर विधायक ने तत्कालीन उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को पत्र भी सौंपा था.
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अब तक 128 संगठन इस मुहिम के साथ
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गाजियाबाद का नाम बदलने के समर्थन में अब तक 128 संगठन सामने आ चुके हैं. बता दें कि यह मांग यूपी चुनाव 2022 की आचार संहिता लागू होने से पहले से ही उठने लगी थी.
गाजियाबाद के लिए सुझाए गए नाम
विभिन्न संगठनों को गाजियाबाद नाम पर कड़ी आपत्ति है. ये संगठन लंबे समय से गाजियाबाद का नाम बदलने की मांग कर रहे हैं. कई ने नाम भी सुझाए हैं, जिसमें 'हरनंदी नगर' और 'दूधेश्वर नगरी' शामिल हैं.
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जिला गाजियाबाद के बारे में कुछ अहम बात
गाजियाबाद की स्थापना सन 1740 में मुगल बादशाह 'मुहम्मद शाह' के वजीर 'गाजी-उद-दीन' ने कोलकाता से पेशावर तक जाने वाली ग्रैंड ट्रंक रोड पर की थी. ये वही ग्रैंड ट्रंक रोड है, जिसे 'शेरशाह सूरी' ने बनवाया था. हालांकि, गाजियाबाद का नाम तब गाजी-उद-दीन नगर रखा गया, जिसे कालांतर में 'गाजीउद्दीननगर' और बाद में इसे छोटा कर 'गाजियाबाद' कर दिया गया. अब इसे बदलने की मांग उठ रही है.
क्या है हिंडन नदी का गाजियाबाद कनेक्शन
मुगलकाल में गाजियाबाद के आसपास के इलाके में खासतौर पर हिंडन नदी (Hindon River) के तट मुगल शाही परिवार के लिए पिकनिक स्थल की तरह थे. तब प्राचीन हिंडन नदी को हरनंदी के नाम से भी जाना जाता था.
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