Ghaziabad News: गाजियाबाद के डासना मंदिर के महंत और जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद सरस्वती ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के बयान के बाद खून से पत्र लिखकर उनके बयान का विरोध जताया.


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बता दें कि पीएम मोदी 22 जून को अमेरीका गए थे, जहां उन्होंने मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के साथ द्विपक्षीय बैठक की. इसी दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत में मुस्लिम (Muslim) अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर बड़ा बयान दिया और पीएम मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों सुरक्षा पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, अगर मैं राष्ट्रपति होता और प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत करता, जिन्हें मैं अच्छी तरह से जानता हूं, तो मेरा एक तर्क ये होता कि अगर आप भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करते हैं, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि भारत अलग-थलग पड़ सकता है. 


उन्होंने पत्र के माध्यम से बराक हुसैन ओबामा को चुनौती दी कि अगर उनकी एक बात भी गलत सिद्ध होती है तो वो फांसी पर चढ़ने के लिये तैयार हैं. उन्होंने बराक ओबामा को सत्य की जांच करने के लिए भारत आमंत्रित किया. पत्र में यह भी लिखा गया कि अगर बराक हुसैन ओबामा पूर्वाग्रहों को त्यागकर सत्य का साथ देगे तो इन जिहादियों की असलियत दुनिया के सामने आएगी. जिन्होंने झूठे प्रचार से पीड़ित को अपराधी और अपराधी को पीड़ित बना कर दुनिया का मूर्ख बनाकर रख दिया.


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खून से लिखे गए पत्र में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी ने लिखा है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा का यह बयान कि भारत में मुस्लिमों के साथ गलत हो रहा है. यह उनके पूर्वाग्रहों से ग्रसित है. इतने उच्च पद पर रह चुके व्यक्ति का इतना असत्य बयान दुखद और पूरे हिंदू समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है. बराक हुसैन ओबामा समेत सारे ईसाइयों और यहूदियों को समझना चाहिए कि निर्दोष हिंदूओं को मिटाने के इस्लामिक लक्ष्य का समर्थन करके आप अपने सर्वनास को आमंत्रित कर रहे हैं. भारत में कोई भी हिंदू मुस्लिम उत्पीड़न नहीं कर रहा है बल्कि मुसलमान खुलकर गजवा ए हिन्द की तैयारी कर रहे हैं.


Input: Piyush Gaur