Ghaziabad News: गाजियाबाद पैरंट एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी विवेक त्यागी ने बताया कि चार चरणों की लॉटरी में लगभग 6,200 बच्चों का चयन राइट टू एजुकेशन के तहत निजी स्कूलों में एडमिशन के लिए हुआ था. यह प्रक्रिया मार्च में शुरू की गई थी. प्रोससे शुरू होने के 4 महीने बीत जाने के बाद भी लगभग 3,000 से ज्यादा बच्चों का एडमिशन नहीं हुआ है. निजी स्कूल लगातार कमजोर वर्ग के बच्चों के एडमिशन में आनाकानी करते हुए नजर आ रहे हैं.


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प्राइवेट स्कूल वेरीफिकेशन, इनकम, डॉक्यूमेंट और अन्य कागजात की मांग के नाम पर एडमिशन को ठुकरा रहे हैं. वहीं अभिभावक परेशान होकर स्कूल और प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं. कई बार जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और तमाम अधिकारियों समेत CM और प्रभारी मंत्री को ज्ञापन दे चुके हैं. इसके बाद भी निजी स्कूलों की मनमानी जारी है, जिसके विरोध में आज पैरेंट्स ने जिला मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया.


इस दौरान प्रदर्शन करने के लिए आए संगठन से जुड़े लोगों ने यह भी बताया कि प्रशासनिक अधिकारी स्कूलों की मान्यता रद्द करने का पत्र जारी कर अपने काम को पूरा दिखा देते हैं, लेकिन हर साल ऐसे कई पत्र जारी होने के बाद भी एक भी स्कूल की मान्यता रद्द नहीं हुई. हर साल अभिभावकों को अपने बच्चों के दाखिले के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है. वहीं धरने पर बैठे अभिभावकों ने भी अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि लगातार स्कूल उन्हें उनका नाम न आने, सीट फुल होने और कागजात वेरिफिकेशन के नाम पर एडमिशन देने से मना कर देते हैं. प्राइवेट स्कूलों की महंगी फीस होने के चलते और राइट टू एजुकेशन के तहत चुने जाने वाले बच्चों से कम फीस मिलने के कारण निजी स्कूल एडमिशन में आनाकानी करते हुए नजर आते हैं. ऐसे में अब देखना होगा कि पैरेंट्स के प्रदर्शन के राइट टू एजुकेशन के तहत बच्चों को प्रवेश मिल पाता है या नहीं.


Input-     Piyush Gaur